-कारवां, 24 मार्च को जब केंद्र सरकार ने नोवेल कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की तो सरकार के प्रतिनिधियों और मंत्रियों ने अपनी राजनीति को सही ठहराने और आलोचना से पल्ला छुड़ाने के लिए जनता के बीच लगातार आधी-अधूरी और झूठी बातें प्रचारित की. अधिकारियों ने जो दावे किए उनमें से कई जमीनी रिपोर्टों से मेल नहीं खाते. देश के कई हिस्सों में भूख और भुखमरी...
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हम कोविड-19 के नए और ख़तरनाक चरण में हैं: डब्ल्यूएचओ प्रमुख
-द वायर, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख ने कहा कि कोविड-19 महामारी का प्रसार तेजी से हो रहा है और गुरुवार एक ही दिन में 1,50,000 मामले सामने आए जो अब तक किसी एक ही दिन में दर्ज सर्वाधिक संख्या है. डब्ल्यूएचओ प्रमुख टेड्रोस एडेहनम ग्रेब्रेयेसस ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि नए मामलों में से लगभग आधे उत्तर और दक्षिणी अमेरिका महाद्वीप से हैं. दक्षिण एशिया और पश्चिम एशिया...
More »अब जिंदगियां बचाना ही सबसे जरूरी
-इंडिया टूडे, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने एसोसिएट एडिटर सोनाली अचार्जी के साथ बातचीत में बताया कि कोरोना महामारी के बारे में पिछले कुछ महीनों में कैसे समझ विकसित हुई और जांच की मौजूदा स्थिति तथा आगे की संभावनाएं क्या हैं. कुछ अंश: ● कोविड-19 को पहले गंभीर किस्म के फ्लू जैसा बताया गया था, फिर इसे प्रतिरोधक क्षमता पर आधात करने वाला बताया गया. अब...
More »आरटीआई से खुलासा- 23 मार्च तक भारत आने वाले महज 19 फीसदी यात्रियों की स्क्रीनिंग की गई
-द प्रिंट, सरकार की ओर आरटीआई के जवाब में दी गई जानकारी मुताबिक लॉकडाउन के ऐलान के पहले 15 जनवरी से 23 मार्च के बीच विदेश से भारत पहुंचने वाले महज 19 फीसदी यात्रियों की ही स्क्रीनिंग की गई. जनवरी में केवल चीन और हांगकांग से आने वाले यात्रियों की स्क्रीनिंग की गई, फरवरी में स्क्रीनिंग का दायरा बढ़ाया गया जिसमें थाइलैंड और सिंगापुर से आने वाले यात्रियों को शामिल किया गया. आरटीआई...
More »कोविड-19 संक्रमण की आपराधिक जवाबदेही तबलीग़ी जमात के माथे ही क्यों है?
-द वायर, कोविड-19 के बाद दुनिया पहली जैसी नहीं रहेगी. ऐसे में जबकि अपने अत्याधुनिक स्वास्थ्य ढांचे के बावजूद पश्चिम के विकसित देशों पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ा है. यह जाहिर है कि मानवता को सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल की स्थिति से निपटने के नए तरीकों की खोज करनी होगी. ख़ासतौर पर संयुक्त राज्य अमेरिका को इस बात का एहसास जरूर हो रहा होगा कि आतंकवाद के खिलाफ युद्ध पर इसके द्वारा...
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