एक सर्जन, एक सहयोगी डाक्टर और छह घंटे में 83 महिलाओं की नसबंदी! मतलब पौने पाँच(4.33 मि.) मिनट से भी कम समय में एक महिला की नसबंदी की गई! नतीजा , ग्यारह महिलाओं की संक्रमण से मौत! यह मात्र डाक्टरों की लापरवाही की वजह से हुआ जैसा कि छत्तीसगढ़ की सरकार कहती है(देखें समाचार) या इस लापरवाही का रिश्ता ग्रामीण स्वास्थ्य-ढांचे में व्याप्त अभाव से है ? सरकारी स्वास्थ्य ढांचे से संबंधित आधिकारिक आंकड़े...
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छत्तीसगढ : नसबंदी ऑपरेशन में लापरवाही, आठ महिलाओं की मौत
बिलासपुर : छत्तीसगढ के बिलासपुर जिले में नसबंदी के बाद आठ महिलाओं की मौत हो गई है जबकि 32 महिलाओं की हालत गंभीर बताई जा रही है जिन्हें अस्पताल में इलाज के लिए भरती कराया गया है. राज्य के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने घटना के जांच के आदेश दे दिए हैं वहीं मृतक के परिजनों को दो दो लाख मुआवजे की घोषणा की है. इससे पहले बिलासपुर जिले के पुलिस अधिकारियों...
More »देश में वस्तुओं की तुलना में सेवाएं ज्यादा महंगी: सर्वे
नयी दिल्ली: देश में तेजी से बढती महंगाई से परेशान मध्यम वर्ग के लोगों की जेब वस्तुओं के मुकाबले शिक्षा, इलाज, परिवहन जैसी सेवाओं की महंगाई के कारण ज्यादा ढीली हो रही है. उद्योग मंडल एसोचैम के एक अध्ययन के मुताबिक बुनियादी सेवाओं के मूल्यों में सालाना आधार पर कम-से-कम 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. जिससे लागत वृद्धि के मामले में वस्तुओं को सेवाओं से पीछे छोड दिया है. अध्ययन...
More »शिक्षा पर 1000 करोड़ खर्च करेगी सरकार
कोलकाता: राज्य सरकार ने यहां उच्च शिक्षा क्षेत्र में आधारभूत सुविधाओं का विकास करने के लिए 1000 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बनायी है. वर्ष 2014-15 से राज्य सरकार यहां उच्च शिक्षा में ओबीसी आरक्षण प्रावधान को लागू कर रही है, लेकिन राज्य सरकार यहां साधारण छात्रों की सीट कम नहीं करना चाहती है. बल्कि ओबीसी छात्रों के लिए जितने सीट आरक्षित किये जायेंगे, उतनी संख्या में कॉलेजों में...
More »मीडिया चालित समाज में लोकतंत्र- विपुल मुद्गल
हमने चर्चित कारपोरेट पीआर बॉस नीरा राडिया, मीडिया की नामवर हस्तियों और राजनीति के दिग्गजों की टेलीफोन की बातचीत के लीक हुए टेपों में जो कुछ सुना है वह एक मीडिया-चालित(मीडिया-आइज्ड) राजनीति की सटीक तस्वीर पेश करता है। इस प्रकरण से पता चलता है कि किस तरह से पेशेवर संवादकर्मी (प्रोफेशनल कम्युनिकेटर्स) महत्वपूर्ण नीतियों के मामलों में जनता की समझ को गढते या परिचालित करते हैं। निसंदेह...
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