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गुजरात : गांव में स्कूली छात्राओं के मोबाइल इस्तेमाल पर प्रतिबंध

अहमदाबाद : गुजरात के मेहसाणा जिले के एक गांव में नाबालिग लडकियों के लिए मोबाइल फोन रखने या उसका इस्तेमाल करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. यह प्रतिबंध इस दावे के साथ लगाया गया है कि गैजेट इन लड़कियों का ध्यान पढ़ाई से भटकाते हैं. हाल ही में लगाया गया यह प्रतिबंध मेहसाणा की काडी तालूका स्थित सूरज गांव की पंचायत ने लागू किया है. नाबालिग लडकियों को यदि मोबाइल...

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संसद छोटे बच्चों के साथ दुष्कर्म पर कठोरतम सजा पर विचार करे : सुप्रीम कोर्ट

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने देश में बच्चों के साथ बढ़ रहे बलात्कार की घटना पर चिंता जताते हुए संसद से दोषी व्यक्तियों को कठोरतम सजा देने के बारे में विचार करने को कहा है. इसके साथ ही शीर्ष न्यायालय ने कहा है कि संसद बलात्कार के संदर्भ में ‘बच्चा' शब्द को परिभाषित करने के बारे में भी विचार करे. कोर्ट ने कहा कि 10 साल की उम्र से...

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चौधराहट के जुगाड़ में बदलते लोग--- विजय विद्रोही

हरियाणा में पंचायत चुनाव की प्रक्रिया चल रही है। इस उम्मीद में उम्मीदवारों की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता तय की गई है कि इससे पढे़-लिखे लोग ही चुनाव में उतरेंगे और जन-प्रतिनिधि बनेंगे। इस नियम ने सरपंची की चाह रखने वाले कई लोगों के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है। हर जगह तरह-तरह से इसके तोड़ निकाले जा रहे हैं। इसके चलते समाज में ऐसे बदलाव होते भी दिख रहे हैं,...

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कड़े कानून के साथ सुधार पर हो जोर - क्षमा शर्मा

जिस वक्त जुवेनाइल जस्टिस एक्ट में संशोधन की बहस राज्यसभा में चल रही थी, उस समय निर्भया के माता-पिता भी दर्शक दीर्घा में बैठे थे। राज्यसभा में यह बिल छह महीने से लटका था, लेकिन जैसे ही इस किशोर अपराधी के छूटने की खबरें आने लगीं, मीडिया, गैरसरकारी संगठनों और राजनीतिक दलों के लोग इस किशोर के सुधारगृह से बाहर आने, न आने पर बहस करने लगे। बहस का मूल...

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आधी-आबादी : इंसाफ का इंतजार-- अवनीश सिंह भदौरिया

दिल्ली में सामूहिक बलात्कार की शिकार निर्भया के मामले में अपराधियों को कमोबेश सजा मिल भी गई, लेकिन इस तरह के तमाम मामलों में आज भी इंसाफ का इंतजार है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लड़कियों की सुरक्षा के जितने भी प्रबंध हैं, वे नाकाफी हैं। लड़कियों, महिलाओं और बच्चियों के लिए दिल्ली या दूसरे राज्य कितने सुरक्षित हैं, इसके जीते जागते उदाहरण प्रतिदिन अखबारों और टीवी चैनलों पर पढ़ने-देखने को...

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