मुंबई। नोट बंदी के क्रम में शुक्रवार को एटीएम भी खुल गए, लेकिन लोगों को परेशानी कम नहीं हुई। इस बीच, मुंबई से खबर है कि यहां बैंक की लंबी लाइन में लगे 73 वर्षीय शख्स का निधन हो गया। मृतक का नाम विश्वनाथ वर्तक है, जो मुलुंड में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की ब्रांच में अपने नोट बदलवाने के लिए खड़े थे। मौके पर मौजूद लोगों के मुताबिक, वाकया दोपहर...
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वे बुजुर्ग जिनके बच्चे अब परदेस में हैं-- गौरीशंकर राजहंस
उम्र की अपनी शारीरिक परेशानियां होती हैं, फिर इसमें वे परेशानियां जुड़ जाती हैं, जो बढ़ी उम्र की वजह से किसी को यह समाज देता है। मेरे एक भारतीय मित्र कुछ साल पहले पेंसिल्वेनिया (अमेरिका) के एक कॉलेज से रिटायर हुए, तो जीवन अचानक ही कठिन हो गया। पत्नी का निधन पहले ही हो गया था और बच्चों के साथ विदेश में रहने की अपनी दिक्कते थीं, सो हारकर उन्होंने...
More »स्वतंत्र भारत की महानतम लेखिका-- रविभूषण
स्वतंत्र भारत के बांग्ला साहित्य में ही नहीं, भारतीय साहित्य में भी महाश्वेता देवी (14 जनवरी, 1926- 28 जुलाई, 2016) ने जो नयी जमीन और दिशा दी, उसे आज उर्वर और सार्थक बनाना जरूरी है. बहुत कम लेखकों की पारिवारिक पृष्ठभूमि साहित्यिक रूप से समृद्ध होती है. दिनेश रंजन दास और गोकुलचंद्र नाग ने बीसवीं सदी के आरंभिक दशक में जिस 'कल्लोल' पत्रिका का आरंभ किया था, उससे बांग्ला साहित्य...
More »नीतीश को शराबबंदी के अभियान की अगुआई का न्योता...
पटना: जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जून में भाजपा शासित राज्य राजस्थान का दौरा करेंगे और वहां शराबबंदी के पक्ष में चल रही मुहिम की अगुआई करेंगे. जून में ही वह ओड़िशा के कटक भी जायेंगे. शनिवार को केरल में चार चुनाव सभाओं को संबोधित करने के बाद लौटने के क्रम में दिल्ली में ठहरे मुख्यमंत्री ने पार्टी के वरिष्ठ नेता शरद यादव से...
More »श्रद्धा केंद्र क्यों बने हैं आंबेडकर!- उर्मिलेश
समय और समाज भी कुछ अजीब ढंग से चलते हैं. कुछ चीजें, कुछ लोग और कुछ घटनाक्रम जो हमारी सामूहिक स्मृति से लगभग गायब हो गये होते हैं, वे एक खास कालक्रम में अचानक प्रासंगिक होकर हमारी सामूहिक चेतना का हिस्सा बन जाते हैं. यह सब समाज और समय की अपनी गत्यात्मकता के कारण होता है. आठवें दशक में हिंदी पट्टी के ज्यादातर पुस्तकालयों या बुक स्टोर्स पर डाॅ भीमराव...
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