कोविड-19 लॉकडाउन के बीच, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में मई 2020 की दूसरी छमाही में रेगिस्तानी टिड्डियों के झुंड देखे गए हैं. हाल ही में रेगिस्तानी टिड्डियों के झुंडों द्वारा किए गए हमलों ने इन राज्यों में बड़े पैमाने पर फसलों, मवेशियों के चरागाहों और हरी वनस्पतियों को नुकसान पहुंचाया है. एक आधिकारिक अनुमान के मुताबिक, 25 मई, 2020 तक राजस्थान के...
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पर्यावरण की दशा-दिशा 2020: भारत में विस्थापन बढ़ाते चक्रवात
-डाउन टू अर्थ, डाउन टू अर्थ द्वारा प्रकाशित “स्टेट ऑफ एनवायरमेंट इन फिगर्स 2020” रिपोर्ट 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर जारी होने वाली है। यह रिपोर्ट आंकड़ों के माध्यम से पर्यावरण और हमारे अस्तित्व से जुड़ी समस्याओं और उनकी गंभीरता का एहसास कराएगी। यह रिपोर्ट पर्यावरण से हमारे संबंधों पर भी रोशनी डालेगी। अक्सर कहा जाता है कि समस्या का माप जरूरी है, तभी उसका समाधान किया...
More »बीजों का त्यौहार अक्ति और इससे जुड़ी जैविक खेती की अनोखी पहल -बाबा मायाराम
छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के एक छोटा सा गांव कुहरी। गांव में पारंपरिक त्यौहार अक्ति मनाया गया, जिसके साथ जैविक खेती के नए आयाम जुड़े हैं। यहां की महिला किसानों ने इस मौके पर ठाकुरदेव की पूजा अर्चना की और अच्छी नई फसल की कामना की। पूजा-अर्चना के साथ ही इस त्यौहार के अवसर पर महिलाओं ने जैविक खेती करने का भी संकल्प लिया। कुहरी गांव, बांसकुडहा पंचायत के अंतर्गत आता है। यह कोडार बांध के पास है,...
More »कश्मीर में मीडिया और इंटरनेट पर लगाए गए प्रतिबंधों से भारत की प्रेस स्वतंत्रता रैंकिंग गिरी, हालांकि स्कोर में हुआ सुधार
हाल ही में रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (रिपोर्टर्स सेन्स फ्रंटियर्स - आरएसएफ) जोकि एक मीडिया वॉचडॉग संगठन है और अभिव्यक्ति व सूचना की स्वतंत्रता के लिए काम करता है, ने एक रिपोर्ट जारी की है. यह रिपोर्ट बताती है कि भारत में साल 2018 हुई छह पत्रकारों की हत्याओं से उल्ट साल 2019 में पत्रकारों की हत्या का एक भी मामला सामने नहीं आया. तब भी यह कहना गलत होगा कि...
More »3000 नील गायों को मारेगी सरकार, पर किसानों ने निकाला बचाव का दूसरा तरीका
बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में 3000 से अधिक नील गायों को मारने की तैयारी स्थानीय प्रशासन द्वारा की गयी है। इसके लिए तमिलनाडु से शार्प शूटर को भी बुलाया गया है। नील गायों को मारने का यह अभियान 23 जनवरी से ही शुरू होना था, मगर शूटर असगर अली की तबीयत खराब होने की वजह से यह अभियान फिलहाल शुरू नहीं हो पाया है। हालांकि नील गायों की सामूहिक हत्या...
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