पटना : राज्य के किसानों को समृद्ध और कृषि को सुदृढ़ बनाने के साथ-साथ इसमें स्वरोजगार विकसित करने के लिए कम ब्याज दर पर आसानी से ऋण मुहैया कराना बेहद ही सशक्त माध्यम है. इसे लेकर केंद्र और राज्य सरकार के स्तर पर कई योजनाएं तो चलायी जा रही हैं लेकिन ऋण वितरण करने में बैंक वाले उतनी रुचि नहीं ले रहे हैं. कृषि, डेयरी, पशुपालन, मत्स्यपालन, मुर्गी पालन...
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राज्य में बनेगा किसान कल्याण प्राधिकरण
हरियाणा सरकार ने किसानों की भलाई के लिए हरियाणा किसान कल्याण प्राधिकरण के गठन का ऐलान किया है। यह प्राधिकरण कृषि को लाभकारी बनाने, कृषि की उत्पादकता व किसानों की आय बढ़ाने का काम करेगा। किसानों व भूमिहीन श्रमिकों के भौतिक, वित्तीय एवं मनोवैज्ञानिक दबावों को दूर करेगा। प्राधिकरण के गठन की घोषणा मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मंगलवार को चंडीगढ़ स्थित अपने आवास पर की। ‘एक और सुधार कार्यक्रम' के तहत...
More »गंभीर होते खेती व रोजगार के सवाल - प्रदीप सिंह
लोकसभा चुनाव अभी सवा साल दूर हैं। इसे यों भी कह सकते हैं कि लोकसभा चुनाव में बस 16 महीने रह गए हैं। सभी राजनीतिक दलों ने चुनाव की तैयारी अभी से शुरू कर दी है। 2014 के लोकसभा चुनाव और 2019 के चुनाव में एक बड़ा फर्क होगा। तब कांग्रेस सत्ता में थी और उससे सवाल पूछे जा रहे थे। आज भाजपा सत्ता में है और उससे जवाब मांगा...
More »राजस्थानी भोजन का जवाब नहीं-- बाबा मायाराम
धापु बाई ने राजस्थानी में लोकगीत की ऐसी तान छेड़ी कि सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। यह गीत राजस्थान में पाए जाने वाले खेजड़ी वृक्ष पर था। इसकी लोग पूजा करते हैं। फलियों की सब्जी बनती है, जिसे सांगरी कहते हैं। पत्तियां जानवर चरते हैं। यह राजस्थान का राज्य वृक्ष भी है। इसी गीत से खाद्य विकल्प संगम की शुरूआत हुई। यह राजस्थान के बीकानेर के बज्जू में 6 से 9 अक्टूबर...
More »फसल अच्छी हुई फिर भी किसान की प्रतिदिन आय केवल 82.5 रुपए
सारंगपुर (प्रदीप जैन/अकरम अंसारी)। खेती को लाभ का धंधा बनाने और किसानों की आय को दोगुना करने की बातें केवल प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के भाषणों तक सिमटी नजर आती हैं। किसानों की वास्तविक स्थिति देखें तो हालात कुछ और ही दिखाई देते हैं। वर्तमान में खेती-किसानी लाभ का धंधा तो दूर की बात आजीविका चलाने का साधन तक नहीं बन पाई है। किसानों की प्रतिदिन आय को देखकर यह अंदाजा...
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