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न्यूज क्लिपिंग्स् | फसल अच्छी हुई फिर भी किसान की प्रतिदिन आय केवल 82.5 रुपए

फसल अच्छी हुई फिर भी किसान की प्रतिदिन आय केवल 82.5 रुपए

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published Published on Oct 6, 2017   modified Modified on Oct 6, 2017
सारंगपुर (प्रदीप जैन/अकरम अंसारी)। खेती को लाभ का धंधा बनाने और किसानों की आय को दोगुना करने की बातें केवल प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के भाषणों तक सिमटी नजर आती हैं। किसानों की वास्तविक स्थिति देखें तो हालात कुछ और ही दिखाई देते हैं। वर्तमान में खेती-किसानी लाभ का धंधा तो दूर की बात आजीविका चलाने का साधन तक नहीं बन पाई है। किसानों की प्रतिदिन आय को देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है।

हमने किसानों की आय की पड़ताल की तो चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए। क्षेत्र में सबसे ज्यादा प्रचलित और बोई जाने वाले सोयाबीन का आंकलन किया। इसके अंतर्गत यदि 10 बीघा खेत के मालिक किसान का उदाहरण लेकर लागत और आमदनी का आंकलन करें तो यह हिसाब-किताब किसान की स्थिति बयान कर देता है।

ज्ञात रहे कि क्षेत्र में सबसे ज्यादा सोयाबीन इस बार भी कुल 79 हजार 110 हेक्टयेर कृषि भूमि में से 63 हजार 992 हेक्टयेर में सोयाबीन बोई गई थी। मान लीजिए किसान 10 बीघा सोयाबीन की फसल लेता है तो सीजन का लेखा-जोखा कुछ इस तरह होगा।

यह आती है सोयाबीन की लागत किसानो ने बताया

2 बार हकाई में 4800 रुपए खर्च, 8 घंटे लगते हैं, 1 घंटे का किराया 600 रुपए

1 बार बुवाई में 2400 रुपए खर्च, 4 घंटे लगते हैं, 1 घंटे का किराया 600 रुपए

4 क्विंटल बीज में 14 हजार खर्च, 1 क्विंटल का 3500 रुपए

10 बोरी खाद में 11 हजार खर्च, 1 बोरी का खर्च 1100 रुपए

3 बार दवाई छिड़काव में 12 हजार खर्च, 1 बार का खर्च 4 हजार रुपए

कटाई (50 मजदूर) 17 हजार 500 रुपए , 1 मजदूर का खर्च 350 रुपए

5 घंटे में निकलाई 6 हजार रुपए , 1 घंटे का किराया 1200 रुपए

घर लाने का खर्च 1 हजार रुपए , 1 ट्रॉली का किराया 500 रुपए

अन्य खर्च 3 हजार रुपए , मंडी भाड़ा, अन्य मजदूरी आदि

गौरतलब है कि यदि इन खर्चों को जोड़ा जाए तो कुल 71 हजार 700 रुपए का खर्च आएगा तथा कुल उत्पादन 1 बीघा में औसतन 3 क्विंटल मतलब 10 बीघा में 30 क्विंटल उत्पादन होता है।

भावांतर योजना का लाभ मिले तो 82 नहीं तो 77 रुपए प्रतिदिन आय

उक्त सोयाबीन फसल में आई लागत के हिसाब से किसानों की सही आय का हिसाब-किसात लगाए जाए तो 30 क्विंटल सोयाबीन के दाम भावांतर योजना का लाभ मिलने के बाद 91 हजार 500 रुपए (1 क्विंटल का दाम 3050 रुपए ) होगा। चार महीने में किसान की बचत 19 हजार 800 रुपए।

मतलब 1 दिन के 82.5 रुपए मिलेंगे और यदि किसान भावांतर योजना का लाभ नहीं ले पाया तो फिर किसानों को 1 क्विंटल का दाम 2700 रुपए के हिसाब से 30 क्विंटल सोयाबीन का कुल दाम 81 हजार रुपए मिलेगा और किसान को 4 महीने में महज 9 हजार 300 रुपए की बचत होगी। प्रतिदिन के महज 77.5 रुपए की मिले पाएंगे। बिना भावांतर योजना के लाभ मिले किसान को 4 महीने में 9 हजार 300 रुपए की बचत हुई। मतलब 1 दिन में 77.5 रुपए मिलें। आजकल मजदूर भी 1 दिन में इससे कई ज्यादा कमा लेता है।

इन फसलों का यह है बोनस मूल्य

मप्र कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा खरीफ फसलो के भांवातर योजना में बोनस देने के लिए योजना तैयार की है जिसमें सोयाबीन को 3050, धान सामान्य को 1550 तथा ग्रेड ए धान को 1590, हाईब्रिड ज्वार को 1700, मालदंडी ज्वार 1725, बाजरा को 1425, मक्का को 1425, तूर अरहर 5450, मूंग 5575, उड़द 5400, मूंगफली छिलके सहित 4450, सूरजमुखी बीज 4100, तिल 5300, रामतिल 4050 तथा कपास मध्यम रेहा 4020, लंबा रेहा कपास का 4320 दाम तय किया गया।

7 केंद्रों 11 अक्टूबर तक होंगे पंजीयन

सरकार की भांवातर योजना का लाभ लेने के लिए किसानों के पंजीयन सारंगपुर क्षेत्र में 7 केन्द्रों पर किए जा रहे है, जिला सहकारी बैंक प्रबंधक दिनेश शर्मा ने बताया कि मऊ, पड़ाना, तलेनी, बालोड़ी, पाडल्यामाता, हराना, मार्केटिंग सोसायटी सारंगपुर में 11 अक्टूबर तक पंजीयन किए जाएंगे।

सरकार ने तोड़ी किसानों की कमर

प्रदेश में भाजपा की शिवराजसिंह सरकार से सबसे ज्यादा कमर किसानों की तोड़ी है। किसानों को इन 15 सालों में सबसे कम अपनी फसलों को दाम दिया और बिजली, खाद-बीज के नाम पर किसानों को लूटा गया। किसान समझ चुका है और हम किसान ही भाजपा को हराकर 2018 में कांग्रेस की सरकार लाएंगे - नंदलाल नागर, उपाध्यक्ष, जिला कांग्रेस राजगढ़

पारंपरिक खेती अपनाना पड़ेगी

किसानों को आय बढ़ाना है और खेती को लाभ का धंधा बनाना है तो उसे पारंपरिक खेती के साथ-साथ पशुपालन, उद्यानिकी, मछली पालन, रेशम पालन आदि को भी अपनाना पड़ेगा, तभी उसे लाभ हो सकेगा - एसके उपाध्याय, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, सारंगपुर


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