कार्बनकॉपी, 5 जनवरी उत्तराखंड के जोशीमठ में पिछले कुछ दिनों में इमारतों और सडकों में दरारें आईं हैं और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर हटाने का काम जारी है। इसी बीच बुधवार की शाम आक्रोशित लोगों ने मशाल जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया। जोशीमठ के लोग डरे हुए हैं क्योंकि यह एक अत्यधिक भूकंपीय क्षेत्र है जो सेस्मिक ज़ोन 5 में आता है। सवाल यह उठ रहे हैं कि जोशीमठ जैसे संवेदनशील हिमालयी भूभाग...
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झारखंड: आदिवासी इलाकों में ग्राम सभाएं बचा रही हैं ज़मीनी लोकतंत्र
द वायर, 4 अक्टूबर लोकतंत्र पर से लोगों का भरोसा उठ रहा है. कथित सभ्य समाज के ढांचे में भी कई लोगों को बदलाव की उम्मीद नहीं दिखती. समाज में बढ़ते व्यक्तिवाद ने एक दूसरे पर भरोसा करने के जीवन-मूल्य को भी प्रभावित किया है. संवाद के रास्ते बंद दिखाई पड़ते हैं. स्थितियों को व्यापकता से देखने-समझने का नजरिया, जिसमें शोषित और पिछड़े तबके के लोगों के लिए भी रोजी-रोजगार के...
More »धार बांध रिसाव मामला, फिलहाल खतरा टला, लेकिन सवालों के जवाब बाकी
डाउन टू अर्थ,15 अगस्त मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से करीब 280 किलोमीटर दूर धार जिले में कोठिदा गांव के पास कारम नदी पर निर्माणाधीन कारम बांध से पैदा होने वाले खतरा फिलहाल टल गया है, लेकिन अभी भी कई सवाल ऐसे हैं, जिसका जवाब ढूंढ़ा जाना जरूरी है। निर्माणाधीन कारम बांध में ग्रामीणों ने 10 अगस्त 2022 को को एक हिस्से में रिसाव देखा था। 12 अगस्त को मिट्टी के इस...
More »उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में जलवायु परिवर्तन का कहर
जनचौक, 06 अगस्त अंधाधुंध सड़क निर्माण और जल विद्युत परियोजनाएं उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को बढ़ा रही हैं जो हाल के वर्षों में बादल फटने और अचानक बाढ़ आने (flash floods) के रूप में प्रकट हो रहा है। हर गुजरते साल के साथ, आपदाओं की आवृत्ति और परिमाण दोनों और अधिक गंभीर होते जा रहे हैं। यह कैसे जमीनी स्तर पर लोगों के जीवन को प्रभावित कर...
More »बिहार में सूखा पड़ने की आशंका
जन चौक, 28 जुलाई बिहार में सूखा जैसी हालत है। वर्षा बहुत कम हुई है। इसका सीधा असर धान की खेती पर पड़ा है। बहुत बड़े इलाके में रोपनी भी नहीं हुई। जहां नलकूप आदि की सहायता से रोपनी हो गई है, वहां भी वर्षा नहीं होने से फसल सूख जाने की आशंका है। ढंग से बरसात अभी शुरू ही नहीं हुई। जबकि मानसून का आगमन जून में ही हो गया। पर...
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