SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 569

लुप्त होती परंपरा बचाने के लिए केरल के आदिवासियों ने दोबारा शुरू की बाजरे की खेती

मोंगाबे हिंदी, 20 मार्च केरल के अट्टापडी हाइलैंड्स में आदिवासी बस्तियों के किनारे पहाड़ी जंगलों में एक बार फिर से बाजरा के लहलहाते खेत नजर आने लगे हैं। यह इलाका पश्चिमी घाट के वर्षा छाया क्षेत्र में पड़ता है, जो एक आदिवासी बेल्ट है। कुछ समय पहले तक आदिवासी बाजरे की खेती से दूर जाने लगे थे। लेकिन आज बदलाव साफ देखा जा सकता है। इसके पीछे की बड़ी वजह न...

More »

कश्मीर हिमस्खलन: जलवायु परिवर्तन से इसका क्या संबंध है?

द थर्ड पोल, 07 मार्च  22 फरवरी, 2024 को दोपहर तकरीबन 1:30 बजे कश्मीर के खूबसूरत गुलमर्ग रिसॉर्ट में एक स्की गाइड शौकत अहमद राथर को स्थानीय प्रशासन की ओर से फोन आया कि गुलमर्ग के खिलनमर्ग क्षेत्र, जिसे ‘आर्मी रिज’ के नाम से जाना जाता है, में हिमस्खलन हुआ है। बर्फ़ पर चलने वाली (स्नो मोबाइल) गाड़ी में सवार होकर राथर और उनके सहयोगी घटनास्थल पर पहुंचे। हिमस्खलन में छह रूसी...

More »

कश्मीर हिमस्खलन: जलवायु परिवर्तन से इसका क्या संबंध है?

द थर्ड पोल, 01 मार्च 22 फरवरी, 2024 को दोपहर तकरीबन 1:30 बजे कश्मीर के खूबसूरत गुलमर्ग रिसॉर्ट में एक स्की गाइड शौकत अहमद राथर को स्थानीय प्रशासन की ओर से फोन आया कि गुलमर्ग के खिलनमर्ग क्षेत्र, जिसे ‘आर्मी रिज’ के नाम से जाना जाता है, में हिमस्खलन हुआ है। बर्फ़ पर चलने वाली (स्नो मोबाइल) गाड़ी में सवार होकर राथर और उनके सहयोगी घटनास्थल पर पहुंचे। हिमस्खलन में छह रूसी...

More »

मध्‍य प्रदेश के सोयाबीन किसानों पर अनिश्चित मौसम की मार, घटते उत्‍पादन ने बढ़ाई चिंता

इंडियास्पेंड, 22 जनवरी “वहां पहाड़ी तक, जहां तक आप देख पा रहे हैं, सभी खेतों में धान लगती है। हमारे पूरे क्षेत्र में अब धान की ही खेती होती है। तीन-चार साल पहले यहां के हर खेत में सोयाबीन लगती थी। लेकिन अब ये पुरानी बात हो चुकी है।” खेत में मेड़ों पर सिंचाई के लिए पड़ी प्‍लास्‍ट‍िक की पाइप को ठीक करते हुए युवा किसान अजय मीणा बताते हैं। वे बताते...

More »

जलवायु परिवर्तन को अनुकूल बनाने के लिए स्थानीय पहल अधिक जरूरी क्‍यों?

इंडियास्पेंड, 04 जनवरी झारखंड के लातेहार जिले के नेतरहाट पहाड़ियों में बसे गांव दादीचापर में बिरजिया जनजाति के लगभग 35 परिवार रहते हैं। बिरजिया समुदाय भारत के सबसे दुलर्भ चिन्हित 75 आदिवासी समूहों में से एक है। बादलों से ढकी घुमावदार पहाड़ियों और घने जंगलों से घिरा हुआ यह क्षेत्र काफी मनोरम दिखता है। दादीचापर गांव, लातेहार शहर से 30 किलोमीटर दूर है और इस गांव तक एक पथरीली और घुमावदार सड़क...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close