-कारवां, 1. शादाब आलम के लिए 24 फरवरी 2020 का दिन रोजमर्रे की तरह ही शुरू हुआ था. वह उत्तर दिल्ली के पुराने मुस्तफाबाद के अपने घर में, जहां वह पांच साल से भी ज्यादा वक्त से रह रहे थे, तड़के ही जग गए थे. तैयार होकर सुबह के 10 बजे वह स्मार्ट मेडिकल स्टोर के लिए रवाना हुए. वजीराबाद रोड पर वृजपुरी चौक के पास की इस दुकान में वह कई...
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सोशल मीडिया की बुराइयों से निपटने के लिए अच्छाई को उसी का उपयोग करने की तरकीबें सीखनी होंगी
-सत्याग्रह, घृणा का भूगोल इस पर, बार-बार अनेक क्षेत्रों में, चिन्ता बढ़ रही है कि भारतीय समाज में घृणा और भेदभाव लगातार फैल रहे हैं. हमारा समय इस मामले में लगभग अभूतपूर्व है कि उसमें घृणा, भेदभाव, हत्या और हिंसा को उचित मानने वाले इतने अधिक हो गये हैं. यह भी पहली बार है कि इन वृत्तियों को फैलाने के साधन बहुत बढ़ गये हैं, अत्यन्त सक्षम हैं और उनकी पहुंच हमारी...
More »2020 में हम भारतीयों को 1920 के इटली को जानने की जरूरत क्यों है?
-सत्याग्रह, मैं जीवनियां खूब पढ़ता हूं. इनमें बहुत सी विदेशी हस्तियों की होती हैं जो उनके देश, काल और परिस्थितियों के बारे में बताती हैं. हाल ही में मैंने कनाडाई विद्वान फाबियो फर्नांडो रिजी की किताब ‘बेनेडेट्टो क्रोसे एंड इटैलियन फासिज्म’ खत्म की है. इस किताब में एक महान दार्शनिक की जीवनी के सहारे उस दौर की एक बड़ी सच्चाई बताई गई है. रिजी की किताब पढ़ने के बाद मुझे 1920 के...
More »बेदम होती स्वास्थ्य व्यवस्था : कोविड-19 संकट में तपेदिक के सबक
-कारवां, {1} दिसंबर 2019 में डॉ. आनंदे वुहान से आने वाली खबरों पर व्याकुलता के साथ नजरें जमाए हुए थे. चीन के शहरों में सार्स जैसा एक रहस्यमय वायरस फैल रहा था. उस समय अपने डॉक्टर मित्रों के साथ होने वाली चर्चा को याद करते हुए आनंदे ने मुझे बताया, “मैंने सुना कि वह वायुजनित बीमारी थी. हम सुन रहे थे कि रोगियों में खांसी, बुखार आदि जैसे ही लक्षण हैं.” आनंदे की...
More »शुरुआती तजुर्बाती कोरोना वायरस के टीके फेल हो गए तो दूसरे रास्ते क्या होंगे?
-न्यूजलॉन्ड्री, दुनिया भर के दर्जनों शोध समूह एक बड़ी जुए की बाज़ी खेल रहे हैं. वे हम सबको ये भरोसा दे रहे हैं कि उनके प्रायोगिक टीके अन्य की तुलना में सस्ते और अधिक प्रभावी होंगे. महामारी के इन सात महीनों में, 130 से अधिक प्रयोगात्मक टीको के बारे में पता चला है. पिछले हफ्ते न्यूयॉर्क टाइम्स ने पुष्टि की है कि दुनिया भर की प्रयोगशालाओं में कम से कम 88...
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