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लगातार दूसरे साल गेहूं पैदावार घटने की आशंका

नई दिल्ली। असामान्य सूखी व हल्की ठंड पड़ने के कारण देश में गेहूं की पैदावार लगातार दूसरे साल घटकर नौ करोड़ टन से कम रहने की आशंका है। भारत दुनिया में गेहूं का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। कमजोर मानसून व फरवरी-मार्च में बेमौसम बारिश के चलते 2014-15 में गेहूं उत्पादन घटकर 8.89 करोड़ टन रहा था। इससे पिछले वर्ष रिकॉर्ड 9.58 करोड़ टन उत्पादन हुआ था। रबी की प्रमुख फसल...

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27 फीसदी प्रोटीन वाले तिवरा पर मिलावटखोरी का डंडा

गौतम चौबे/रायपुर। गरीबों के प्रोटीन तिवरा (लाखड़ी) में हानिकारक तत्व नहीं होने के बावजूद उस पर खाद्य सुरक्षा का डंडा चल रहा है। आज तक किसी भी वैज्ञानिक ने तिवरा के हानिकारक होने की पुष्टि नहीं की है। नागपुर के समाजसेवी शांति लाल कोठारी ने तिवरा को लेकर उच्च अदालत तक केस लड़ा है और इसके हानिकारक होने की पुष्टि करने वाले को एक लाख रुपए इनाम देने की घोषणा...

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'सोयाबीन की पेटी' आधी खाली, एक बीघा में सिर्फ दो क्विंटल पैदावार

जितेंद्र यादव, इंदौर। सोयाबीन की पेटी माने जाने वाले मालवा के बड़े हिस्से में इस बार सोयाबीन का उत्पादन आधा रह जाएगा। एक हेक्टेयर में औसत पैदावार सिर्फ 7-8 क्विंटल प्रति हेक्टेयर यानी एक बीघा में केवल दो क्विंटल। ये सरकार के फसल कटाई प्रयोग से निकले आंकड़े हैं, जबकि हकीकत तो इससे भी भयावह है। कई किसानों का तो बीज भी लौटकर नहीं आया। सोयाबीन अनुसंधान केंद्र के अनुसार, पूरी...

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दाल उत्पादन बढ़ाने की जरूरत-- रमेश दूबे

महंगे प्याज ने पहले ही किचन का जायका बिगाड़ के रखा है और अब दाल की कीमतें भी आसमान छूने लगी हैं. दालों की कीमतों पर लगाम लगाने के सरकार ने स्टॉक लिमिट, जमाखोरों के खिलाफ कार्रवाई, दालों के वायदा कारोबार का निलंबन जैसे उपाय किये हैं, लेकिन ये कारगर साबित नहीं हो रहे हैं. सरकार भले ही थोक मुद्रास्फीति के माइनस 4.95 के ऐतिहासिक स्तर तक पहुंचने का ढिंढोरा...

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खाद्य सुरक्षा के दबाव में कार्बन उत्सर्जन घटाना चुनौती

सुरेंद्र प्रसाद सिंह, नई दिल्ली। देश की खाद्य सुरक्षा के दबाव में भारत का कृषि क्षेत्र कार्बन उत्सर्जन घटाने की हालत में नहीं है। सबके लिए भोजन मुहैया कराना फिलहाल प्राथमिकता है। हालांकि उत्सर्जन को कम करने के लिए जैविक खेती और भूमि प्रबंधन, जल संरक्षण व नाइट्रोजन का उपयोग कम करने की जरूरत है। पशुओं के बगैर जैविक खेती संभव नहीं है। जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से बचने के...

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