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चमोली आपदा: चिपको आंदोलन की पीढ़ी बेबस होकर गांवों से करना चाहती है पलायन

-डाउन टू अर्थ, “हमने पहले ही चेताया था कि करीब 3500 मीटर की ऊंचाई पर नंदादेवी राष्ट्रीय अभ्यारण्य के पास बांध (डैम) बनाना ठीक नहीं है। अदालतों और लगभग सभी समितियों के चक्कर लगाए गए, उन्हें भी चेताया गया। लेकिन किसी ने हमारी बातों पर ध्यान नहीं दिया। समिति पर समिति बनती रहीं और बांध का बनना भी जारी रहा। अब देखिए यह क्या हो गया।”    उत्तराखंड के चमोली जिले में...

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पंचतत्व: विकास को संतुलन चाहिए और चैनलों को विज्ञान रिपोर्टर वरना ग्लेशियर ‘टूटते’ रहेंगे!

-जनपथ, इंसान होने के नाते हम सबकी कुछ ज़रूरतें हैं, जिन्हें पूरा किया जाना है. आखिर, उत्तराखंड, हिमाचल और ओडिशा की जनता को भी वही सुख-साधन क्यों नहीं चाहिए जो दिल्ली में रहने वालों को मुहैया हैं? विकास नाम के लुभावने वादे में निचाट गरीबी से निपटने की चुनौती छिपी है और इसमें संसाधनों के अंधाधुंध दोहन का खतरा भी है.  संतुलन साधा जा सकता है, बस नजरिया सही होना चाहिए. न...

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कोविड की मार: आधी रह गई नए घर बनने और बिकने की रफ्तार

-इंडिया टूडे, कृषि के बाद देश में सबसे ज्यादा रोजगार देने वाले कंस्ट्रक्शन क्षेत्र के लिए 2020 का साल बेहद खराब रहा है. कोविड की मार के चलते न केवल देश में मकान की बिक्री टूटी है बल्कि नए घर बनने की रफ्तार पर भी ब्रेक लगा है. प्रॉपर्टी कंसल्टेंट एनारॉक की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, देश के सात प्रमुख शहरों में घरों की बिक्री 47 प्रतिशत घटकर 1.38 लाख इकाई...

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कोविड-19 लॉकडाउन: 28 फीसदी प्रवासी मजदूरों को कमरे के किराये के लिए किया गया परेशान

-डाउन टू अर्थ, कोविड-19 को लेकर मार्च से शुरू हुए लॉकडाउन से प्रवासी मजदूरों को सबसे ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ी। खासकर वे मजदूर-कामगार ज्यादा परेशान हुए, जो गृह राज्य छोड़कर राजधानी दिल्ली में नौकरी कर रहे थे। अव्वल तो उनका काम-धंधा बंद हो गया था, तो रोजी-रोटी का संकट आया और उस पर मकान मालिकों के अड़ियल रवैये ने जख्म पर नमक का काम किया।  हाउसिंग एंड लैंड राइट्स नेटवर्क (एचएलआरएन) की...

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त्योहारी सीजन के दौरान भी व्यक्तिगत ऋणों में दिखे गिरावट के रूझान

इस साल धनतेरस और दिवाली से ठीक पहले, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपने मासिक बुलेटिन का नवंबर संस्करण जारी किया. नवीनतम आरबीआई मंथली बुलेटिन में बताया गया है कि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की तुलना में वित्तीय वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही (यानी जुलाई-सितंबर, 2020) में जीडीपी में -8.6 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है. यह गौरतलब है कि भारत की...

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