नरेगा संघर्ष मोर्चा, 26 दिसंबर मजदूरों का उत्पीड़न: पश्चिम बंगाल में मनरेगा मजदूरों को 26 दिसंबर 2021 से वेतन का भगुतान नहीं किया गया है। नरेगा अधिनियम की धारा 27 को लागू करते हुए 'केंद्र सरकार के निर्देशों का पालन न करने' के लिए राज्य को 7,500 करोड़ रुपये से अधिक की मनरेगा निधि जारी करने पर रोक लगी है। इस राशि में से 2,744 करोड़ रुपये बकाया वेतन चौंका देने...
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पाम ऑयलः सब्सिडी के सहारे बढ़ती तेलंगाना में ताड़ की खेती, भविष्य में नुकसान की आशंका
मोंगाबे हिंदी, 06 दिसम्बर तेलंगाना का खम्मम जिला पूरे राज्य में ताड़ की खेती के लिए जाना जाता है। यह राज्य के चार ऐसे चुनिन्दा जिलों में से है जहां 1990 के दशक में सबसे पहले ताड़ की खेती शुरू हुई थी। यहां ताड़ की खेती करने वाले बहुत से पुराने और नए किसान आपको आसानी से मिल जाएंगे। छप्पन वर्ष के विद्या सागर ऐसे ही एक किसान हैं जो इस...
More »भारत के सबसे पिछड़े जिले से तीन महिलाओं की भूख और उससे जुड़े संघर्ष की कहानी
इंडियास्पेंड, 02 दिसंबर नवम्बर महीने के दूसरे सप्ताह के बुधवार को रेखा देवी, उम्र लगभग 40 वर्ष, अपने घर से तकरीबन 500 मीटर दूर एक खेत में कम्पैन मशीन के पीछे अपने बच्चों के साथ धान की बालियां बीन रही थीं। पूछने पर वह कहती है की इन गिरी हुई बालियों से उनके परिवार का गुजारा होता है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से तकरीबन 170 किलोमीटर पूरब में भारत और नेपाल...
More »फिर शुरू हो सकता है किसान आंदोलन! राज्यों की राजधानियों में जुटे किसान
गाँव सवेरा, 30 नवम्बर संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के आह्वान पर, आज मजदूरों, छात्रों, युवाओं, महिलाओं और आम लोगों के समर्थन के साथ किसानों ने बड़े मार्च और रैलियां निकाली। अभी तक उपलब्ध जानकारी के अनुसार, इस प्रेस विज्ञप्ति के जारी होने तक, 25 राज्यों की राजधानियों, 300 से अधिक जिला मुख्यालयों और कई तहसील मुख्यालयों पर विरोध सभाएँ आयोजित की गईं। कुल मिलाकर, यह अनुमान है कि पूरे भारत में 3000...
More »मनरेगा: भारतीय महिलाओं के लिए अंतिम और एकमात्र आय का सहारा
इंडियास्पेंड, 22 नवम्बर चंचल कुमारी का जन्म साल 2002 में हुआ। उस साल राजस्थान सूखाग्रस्त भी था। दो साल से राज्य में पीने या फसल बोने के लिए पानी की भारी कमी थी, मवेशी मर रहे थे। चंचल का परिवार भी भुखमरी के कगार पर था। उनके पिता राजू सिंह एक मजदूर थे। उन्हें काम की तलाश में अपना गांव छोड़ना पड़ा। जैसे-जैसे आजीविका चौपट हुई, रोजगार सृजन कार्यक्रम के लिए...
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