बच्चों के जन्म और पोषण के मोर्चे से एक अच्छी खबर आई है. नये आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि वर्ष 2004-06 से 2010-13 के बीच 1 साल से कम उम्र में काल-कवलित होने वाले बच्चों की संख्या में कमी आई है. नये आंकड़े भारत के महारजिस्ट्रार एवं जनगणना आयुक्त कार्यालय के हैं. इन आंकड़ों में 2010-13 के बीच सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम के जरिए दर्ज मौतों को आधार बनाया गया...
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बेजुबानों की जबान बनती जवाबदेही यात्रा !
क्या कभी आपकी भेंट ऐसे जिला शिक्षा अधिकारी से हुई है जिससे भरी महफिल में किसी ग्रामीण ने शिक्षा के अधिकार के हवाले से पूछा हो, बताओ ऐसे कितने स्कूल हैं जहां शौचालय ठीक-ठाक बने और काम कर रहें हैं ? क्या आपने जिला शिक्षा अधिकारी को आंकड़ों की ओट में तथ्य छुपाते और इस तथ्य-छुपाई पर उसी महफिल में एक से ज्यादा ग्रामीणों के मुंह से टोके और दुरुस्त किए...
More »अव्यवस्था का आलम, एक पलंग पर दो प्रसुताएं सोने को मजबूर
राजनांदगांव। मेडिकल कॉलेज अस्पताल के जचकी वार्ड में महिलाओं को कड़ाके की ठंड में भी बेड नसीब नहीं हो रहा। पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने के चलते एक ही बेड पर दो-दो प्रसूताओं को सुला दिया गया है। इतना ही नहीं कई महिलाओं को तो जमीन पर ही लिटा दिया गया है। जिलेभर से पहुंच रही प्रसुताओं की संख्या व वार्ड में बिस्तरों की कमी को देखने के बाद भी अस्पताल प्रबंधन...
More »गर्भवती की मौत की सूचना पर सरकार देगी 500
मुजफ्फरपुर : प्रसव के समय महिला की मौत की सूचना देने के लिए सरकार 500 रुपये देगी. लेकिन, यह सूचना 24 घंटे के अंदर होनी चाहिए. सरकार ने इसके लिए आशा व अन्य के लिए 200, एएनएम के लिए 100 व परिजनों के लिए 200 का प्रावधान रखा है. यदि 24 घंटे के अंदर तीनों जगह से सूचना आती है तो स्वास्थ्य विभाग 500 रुपये का भुगतान करेगा. यह योजना सुनने...
More »झाबुआ, आलीराजपुर और बड़वानी सहित 27 जिले अब प्राइवेट डॉक्टरों के हवाले
इंदौर। मध्यप्रदेश के 27 जिलों में स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने में सरकार फेल हो गई है। सरकारी सिस्टम ने हाथ टेक दिए हैं। अब पूरा जिम्मा एक एनजीओ को थमा दिया है। इन 27 जिलों में संभाग के झाबुआ, बड़वानी और आलीराजपुर भी शामिल हैं। यही नहीं यहां काम करने वाले डॉक्टरों को सरकारी डॉक्टरों के मुकाबले लगभग दोगुनी तनख्वाह भी मिलेगी। हाल ही में प्रदेश सरकार और एनजीओ के बीच...
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