बाल श्रम हमारे समय की एक दुखद सच्चई है. तरक्की के तमाम दावों के बावजूद आज हम उद्योग-धंधों से लेकर घर के भीतर तक पूरी दुनिया में किसी न किसी रूप में बाल श्रमिकों को देख सकते हैं. इसकी रोकथाम के लिए बेशक कई कानूनी प्रावधान किये गये हों, लेकिन पिछड़े क्या विकसित कहे जाने वाले समाजों तक में लाखों बच्चों का बचपन पेट की भूख मिटाने में दफन हो जाता है. वर्ल्ड...
More »SEARCH RESULT
भगवान भरोसे विज्ञानी बाबू - ।।रजनीश उपाध्याय।।
दुनिया के दो महान व्यक्तित्व. दोनों तेज दिमाग के. अति प्रतिभावान. ग्रेट साइंटिस्ट. लगभग समकालीन भी. एक ने भारत के छोटे से गांव में जन्म लिया. नाम - वशिष्ठ नारायण सिंह. अभावों के बीच अपनी मेधा के बल पर राह बनायी और यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया तक पहुंचे. दूसरे ने भी अपनी मेधा का लोहा मनवाया और कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में शोध किया. नाम - स्टीफन विलियम हॉकिंग. दोनों गणित में पारंगत. वशिष्ठ...
More »हर 20 सेकेंड में मर जा रहा एक बच्चा, जानिये इस बीमारी के खतरे!
रांची. दुनिया में निमोनिया से प्रत्येक 20 सेकेंड में एक बच्चे की मौत होती है। इसका प्रमुख कारण है पीडि़त बच्चों के साथ घर में लापरवाही। जब बच्चा बीमार पड़ता है, तो लोग खुद से इलाज शुरू कर देते हैं और जब डॉक्टर तक पहुंचते हैं तब देर हो चुकी होती है। इसलिए जब भी सरदी, खांसी, सांस तेज चलना, छाती से घर्र घरघराहट की आवाज आती तो डॉक्टर से मिलें। आज...
More »असामान्य व्यवहार करने लगा है आयुष
भागलपुर : श्री बाल सुबोधिनी पाठशाला में तीन जुलाई को शिक्षक की पिटाई से बीमार पड़ा आयुष अब असामान्य व्यवहार करने लगा है. वह अपनी मां और पापा को भी नहीं पहचान पा रहा है. चिकित्सक डॉ अरुण कुमार सिन्हा ने बताया कि आयुष एक्यूट साइकोसिस विद् मेनिक एक्साइटमेंट नामक रोग से पीड़ित है. हालांकि उसका अल्ट्रा सोनोग्राफी (यूएसजी) और सीटी स्कैन रिपोर्ट नॉर्मल है. शरीर के किसी भी अंग या सिर...
More »11 साल में पांच गुना बढ़े मनोरोगी- मनोज सिंह की रिपोर्ट(प्रभात खबर)
* जनसंख्या की वृद्धि दर 23 फीसदी, मनोरोगियों की 116 फीसदी रांची : झारखंड में पिछले 11 सालों में मनोरोगियों की संख्या में पांच गुना से अधिक की वृद्धि हुई है. मनोरोगियों की वृद्धि दर 116 फीसदी के करीब है. यह राज्य की जनसंख्या वृद्धि दर से पांच गुना अधिक है. पुरुष मनोरोगियों की संख्या में वृद्धि दर पांच गुना से कुछ नीचे है. जबकि महिला मनोरोगियों में यह दर सात गुना से...
More »