-रूरल वॉइस, चालू रबी सीजन में डाइ अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) और कॉम्प्लेक्स उर्वरकों की उपलब्धता के संकट से सबक लेते हुए सरकार ने डीएपी की आपूर्ति को बेहतर करने के लिए देश में इसकी उत्पादन क्षमता में बढ़ोतरी और आयात सौदों की दीर्घकालिक रणनीति तैयार की है। वैश्विक बाजार में डीएपी और कॉम्प्लेक्स उर्वरकों व उनके कच्चे माल की कीमतों में भारी बढ़ोतरी के बीच चीन ने निर्यात पर प्रतिबंध लगातार...
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समर्थन मूल्य से आधे में मक्के की फसल बेचने के मजबूर मध्य प्रदेश के किसान
-डाउन टू अर्थ, “पहले बारिश ने मक्के की फसल खराब की और जो रही बची कसर थी वह मंडी ने पूरी कर दी। फसल की कटाई होने लगी है लेकिन कीमत कम मिलने की वजह से इसे मंडी ले जाने की हिम्मत नहीं हो रही,” यह कहना है मध्य प्रदेश के हरदा जिले के किसान राकेश भावसार का। “अतिवृष्टि से मक्के की फसल ने दाने काफी कम आए। साथ ही, कीड़े लगने...
More »स्वास्थ्य की ‘जड़ें’ : हल्दी से तीन गुणा अधिक कमा रहा है यह किसान
-डाउन टू अर्थ, भारतीयों ने हल्दी की एंटीवायरल खूबियों के चलते वर्ष 2020 में इसका खासा सेवन किया, इसकी कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी के दौरान इसे फायदेमंद बताया जा रहा था। खाना पकाने में इस्तेमाल के अलावा, लोगों ने काढ़े के रूप में इसका जमकर सेवन किया। लॉकडाउन के दौरान बाजार में शुद्ध शाकाहारी हल्दी के लैटेस से लेकर चिया टरमरिक कुकीज और डिटॉक्स चाय जैसे कई उत्पाद बढ़ गए हैं। हालांकि, हल्दी...
More »कंपनियों ने कॉम्प्लेक्स उर्वरकों के दाम बढ़ाये, एनपीके का बैग डीएपी से 500 रुपये महंगा हुआ
-रूरल वॉइस, बी सीजन की बुवाई के समय किसानों को झटका देते हुए उर्वरक उत्पादक कंपनियों ने एनपीके समेत कई कॉम्पलेक्स उर्वरकों के दामों में 500 रुपये प्रति बैग (50 किलो) से अधिक तक की बढ़ोतरी कर दी है। इसके चलते नाइट्रोजन, फॉस्फेट और पोटाश (एनपीके) के काम्प्लेक्स उर्वरक की कीमतें 1750 रुपये प्रति बैग पहुंच गई हैं। सरकारी उर्वरक कंपनी नेशनल फर्टिलाइजर लिमिटेड (एनएफएल) और सहकारी संस्था कृभको का एनपीके...
More »आलू की लगातार गिरती कीमतों ने एक बार फिर उत्तर प्रदेश के किसानों को किया परेशान
-गांव कनेक्शन, उत्तर प्रदेश का फर्रुखाबाद जिला आलू के उच्च उत्पादन के लिए जाना जाता है। आलू के चिप्स बनाने वाली कई बहुराष्ट्रीय खाद्य कंपनियां यहां से आलू खरीदती हैं और किसानों को आमतौर पर उनकी उपज का उचित मूल्य मिलता है। लेकिन वर्तमान में जिन गांवों में आलू की खेती मुख्य आधार है, वहां मातम छाया हुआ है। ऐसा इसलिए है क्योंकि आलू की कीमत गिर गई है। पिछला साल...
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