अर्थव्यवस्था में तीव्र विकास के बावजूद कृषि और किसानों की स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है. पिछले साठ वर्षो में प्रत्येक सरकार ने कृषि में सुधार का संकल्प लिया है, किंतु स्थिति बिगड़ती गयी है, जैसा कि आत्महत्या की बढ़ती संख्या से अनुमान लगता है. मूल कारण यह है कि सरकार का ध्यान कृषि उत्पादन में वृद्धि की ओर ज्यादा रहा है, मूल्यों में वृद्धि की ओर कम. मान्यता है कि...
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महंगी गैस खपाना चाहती है सरकार
नई दिल्ली। सरकार ने कुप्रबंधन की नजीर फिर पेश की है। विदेश से आयात की गई महंगी गैस खपाने के लिए वह सस्ती घरेलू गैस की बलि देना चाहती है। इसी बाबत उसने रिलायंस इंडस्ट्रीज से केजी बेसिन के डी6 ब्लाक का गैस उत्पादन घटाने को कहा था। लेकिन मुकेश अंबानी की इस कंपनी ने यह मांग ठुकरा दी है। इस ब्लाक क्षेत्र में उत्पादित गैस आयातित के मुकाबले कहीं सस्ती है। ...
More »भुखमरी कैसे खत्म हो - सचिन कुमार जैन
भुखमरी आज के समाज की एक सच्चाई है परन्तु मध्यप्रदेश के सहरिया आदिवासियों के लिये यह सच्चाई एक मिथक से पैदा हुई, जिन्दगी का अंग बनी और आज भी उनके साथ-साथ चलती है भूख. अफसोस इस बात का है कि सरकार अब जी जान से कोशिश में लगी हुई है कि भूखों की संख्या कम हो. वास्तविकता में भले इसके लिये प्रयास न किये जायें लेकिन कागज में तो सरकार...
More »पलायन (माइग्रेशन)
खास बात • किसी प्रांत से उसी प्रांत में और किसी एक प्रांत से दूसरे प्रांत में पलायन करने वालों की संख्या पिछले एक दशक में ९ करोड़ ८० लाख तक जा पहुंची है। इसमें ६ करोड़ १० लाख लोगों ने ग्रामीण से ग्रामीण इलाकों में और ३ करोड़ ६० लाख लोगों ने गावों से शहरों की ओर पलायन किया। # • पिछले एक दशक को आधार मानकर अगर इस बात की गणना करें कि किसी वासस्थान को छोड़कर कितने लोग दूसरी जगह रहने...
More »शोध और विकास
खास बात • तेलहन, मक्का,पाम ऑयल और दालों से संबद्ध तकनीकी मिशन को चलते हुए दो दशक गुजर चुके हैं।दाल, पाम ऑयल और मक्का को साल १९९०-९१,१९९२ और १९९५-९६ में इस सिशन के अंतर्गत लाया गया।मिशन के अंतर्गत १९८६ से तेलहन का उत्पादन विशेष रुप से शुरु हुआ और उसमें बढ़ोत्तरी हुई है फिर भी देश में खाद्य तेल की जितनी मांग है उसकी तुलना में देश में तेलहन का उत्पादन कम हो रहा है।.* • दालों का उत्पादन दशकों से ठहराव का शिकार है।इससे संकेत मिलते हैं कि दालों के उत्पादन वृद्धि का...
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