-आउटलुक, “कमाई छिपाने के लिए अमीर उन देशों में पैसे भेज रहे जहां टैक्स की दर बहुत कम, लगातार होती घटनाएं बताती हैं कि आर्थिक अपराध रोकने के कानून बेमानी” बैंकों से कर्ज लो, पैसा विदेश भेजो और देश में खुद को दिवालिया घोषित कर दो। भारत में यह नया ट्रेंड बनता जा रहा है। यह बात पनामा पेपर्स और पैराडाइज पेपर्स के बाद अब ‘पैंडोरा पेपर्स’ के खुलासे से साबित होती...
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अनहेल्दी सीक्रेट्स - क्यों जरूरी है पीएम केयर्स फंड की जांच
-कारवां, आजादी के बाद देश के सभी बड़े शहरों में पाकिस्तान से आने वाले हिंदू और सिख शरणार्थियों की संख्या हर बीतते दिन बढ़ रही थी. जवाहरलाल नेहरू उस समय देश की अंतरिम सरकार के प्रधानमंत्री थे और उनके आधिकारिक आवास तीन मूर्ति भवन में भी लोगों की भीड़ लगी रहती. नेहरू के निजी सचिव रहे एम. ओ. मथाई अपनी किताब रेमनिसंस ऑफ दि नेहरू ऐज में नेहरू की एक आदत...
More »सेना में महिलाओं की बढ़ती संख्या के साथ यौन शोषण के बढ़ते मामलों की अनदेखी नहीं की जा सकती, चुप्पी नहीं साध सकते
-द प्रिंट, सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर में एक फैसला सुनाकर सेना में महिलाओं को नेशनल डिफेंस एकेडमी के जरिए सीधे कमीशन किए जाने का रास्ता साफ कर दिया. पिछले साल 17 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने एक निर्देशक फैसला सुनाकर शॉर्ट सर्विस कमीशन की महिला अधिकारियों को भारतीय सेना के उनके पुरुष सहकर्मियों के बराबर का दर्जा दे दिया था ताकि उन्हें स्थायी कमीशन के लिए, और इन्फैन्ट्री/ मेकनाइज्ड इन्फैन्ट्री/ आर्मर्ड कोर तथा आर्टिलरी को...
More »न्यायपालिका में लैंगिक असमानता चिंताजनक: SC में 33 में सिर्फ 4 महिला जज, HCs में 627 में केवल 66
-द प्रिंट, पिछले महीने, भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने भारतीय न्यायपालिका में महिलाओं की बेहद कम नुमाइंदगी पर खेद व्यक्त किया. सीजेआई सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे, जिसमें सुप्रीम कोर्ट में हाल में नियुक्त किए गए नौ जजों का अभिनंदन किया गया, जिनमें तीन महिलाएं थीं. उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि अब समय है कि न्यायपालिका में, 50 प्रतिशत सीटें महिलाओं के लिए...
More »लखीमपुर हत्याकांड और राष्ट्रीय समाचार पत्रों की कवरेज!
-गांव सवेरा, उत्तर प्रदेश के लखीमपुर में बीजेपी मंत्री की गाड़ी द्वारा किसानों को कुचलकर मारने की घटना के दूसरे दिन समाचार पत्रों की कवरेज की समीक्षा के लिए अंग्रेजी और हिंदी के कुछ समाचार पत्रों को शामिल किया है. अंग्रेजी समाचार पत्रों में ‘द हिंदू’, ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ और ‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ शामिल है वहीं हिंदी के समाचार पत्रों में ‘दैनिक भास्कर’,’दैनिक ट्रिब्यून’,’दैनिक जागरण’, और ‘अमर उजाला’ जैसे राष्ट्रीय...
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