केंद्र और राज्य सरकारों के प्रयासों से देशभर में स्टार्टअप को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसके अलावा अनेक उद्यमी अपने-अपने स्तरों पर स्टार्टअप्स को विस्तार देने के लिए विविध स्रोतों से निवेश हासिल कर रहे हैं. हालांकि, स्टार्टअप्स द्वारा मुहैया करायी जानेवाले सेवाओं और प्रोडक्ट की ओर लोगों के रुझान में भी दिनों-दिन वृद्धि होती दिख रही है. लेकिन, ताजा आंकड़े बता रहे हैं कि स्टार्टअप्स को हासिल होनेवाले...
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मैकाले के मायाजाल से मुक्त होता देश-- आर सुकुमार
पिछले सप्ताहांत में मैं मुंबई में था। एक स्कॉलरशिप के लिए देश के प्रतिष्ठित बिजनेस स्कूलों के बेहतरीन बच्चों का इंटरव्यू लेने की खातिर मुझे बुलाया गया था। मेरे साथ इंटरव्यू-बोर्ड में दो और सदस्य थे। उनमें से एक मशहूर वैश्विक कन्सल्टिंग कंपनी के चेयरमैन थे, तो बोर्ड के दूसरे सदस्य और मैंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई साथ-साथ की है। यह अलग बात है कि उसने टॉप किया था और मेरा...
More »कामकाजी महिलाओं के लिए देश में दिल्ली असुरक्षित, सिक्किम सबसे बेहतर: रिपोर्ट
नई दिल्ली.भारत में महिलाओं के काम करने की स्थिति के लिहाज से नॉर्थ-ईस्ट का राज्य सिक्किम पहले स्थान पर है। वहीं, देश की राजधानी दिल्ली सबसे असुरक्षित जगह है। अमेरिकी रिसर्च इंस्टीटयूट सेंटर फॉर स्ट्रैटजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज (सीएसआईएस) और नाथन एसोसिएट्स ने यह रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, सिक्किम को सर्वाधिक 40 नंबर मिले। दिल्ली केवल 8.5 नंबर के साथ आखिरी पायदान पर है ।महिलाओं की भागीदारी...
More »सिक्टोरिटी गार्डों को मिलेगा न्यूनतम 15 हजार रुपए वेतन
नई दिल्ली। केंद्रीय श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा है कि सरकार सिक्योरिटी गार्डों को कुशल श्रमिकों की श्रेणी में लाने की योजना बना रही है। इसके साथ ही गार्डों को न्यूनतम 15,000 रुपए मासिक वेतन देना होगा। इसके अलावा सशस्त्र गार्डों और सुपरवाइजरों को अति कुशल श्रमिक माना जायेगा, इससे वे कम से कम 25,000 रुपए मासिक वेतन पाने के हकदार होंगे। सरकार अपने कुछ फ्लैगशिप प्रोग्र्राम जैसे स्किल इंडिया, मेक...
More »बिछड़े सब बारी-बारी, खेती-बारी-- अनिल रघुराज
आखिर कोई कितना इंतजार करता! देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने कहा था, ‘सब कुछ इंतजार कर सकता है, लेकिन कृषि नहीं.' मगर, आजादी से लेकर कृषि को इंतजार करते-करते अब सात दशक होने जा रहे हैं. वह अब भी भगवान भरोसे है. इंद्रदेव नाराज, तो सूखे की त्रासदी और खुश तो बहुत बड़े इलाके में बाढ़ की तबाही. जिनके बरदाश्त करने की हद चुक जाती है, वे इस...
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