डाउन टू अर्थ, 10 अगस्त ग्लोबल एनर्जी मॉनिटर (जीईएम) और सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (सीआरईए) द्वारा जारी नए विश्लेषण के अनुसार भारत हद से ज्यादा कोयला आधारित बिजली क्षमता विकसित कर रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक 2023 के शुरूआती पांच महीनों में करीब 11.5 गीगावाट क्षमता की कोयला बिजली परियोजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए अनुमति दी गई है। आंकड़ों के मुताबिक इस दौरान करीब 3.9 गीगावॉट क्षमता...
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आर्थिक विकास और वित्तीय स्थिरता पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों की जांच करती आरबीआई की रिपोर्ट
मोंगाबे हिंदी, 10 अगस्त भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 2022-23 के लिए मुद्रा और वित्त रिपोर्ट (आरसीएफ) में मुख्य रूप से जलवायु परिवर्तन पर ध्यान दिया है। यह भारत में केंद्रीय बैंकिंग और व्यापक आर्थिक मुद्दों से संबंधित समसामयिक मुद्दों पर एक थीम-आधारित वार्षिक रिपोर्ट है। इस साल की रिपोर्ट नीतिगत प्राथमिकता के रूप में जलवायु लक्ष्यों पर जोर देती है और भारत के लिए जलवायु परिवर्तन के संभावित व्यापक-वित्तीय परिणामों...
More »2013 के विनाशकारी बाढ़ के एक दशक बाद क्या केदारनाथ अब सुरक्षित है?
द थर्ड पोल, 10 अगस्त उत्तर भारतीय राज्य, उत्तराखंड में, 3,500 मीटर से भी अधिक ऊंचाई पर केदारनाथ घाटी स्थित है। यह घाटी 2013 में एक भयानक बाढ़ आपदा झेल चुकी है। हालांकि तब से, यहां काफी कुछ बदल चुका है। यहां एक पुनर्निर्माण परियोजना पर काम चल रहा है। इस परियोजना का उद्देश्य केदारनाथ के पुनर्निर्माण के साथ-साथ इस स्थान को आकर्षक और सुविधाजनक बनाने का है। यहां प्रसिद्ध केदारनाथ मंदिर...
More »वन (संरक्षण) संशोधन बिल-2023 से उपजी बहस का लेखाजोखा
2 अगस्त को लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी वन (संरक्षण) संशोधन बिल, 2023 पारित हो गया। यह बिल वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 में संशोधन करेगा। इस बिल को 2023 के बजट सत्र के दौरान लोकसभा में पेश किया था। तब इस बिल को लोकसभा अध्यक्ष ने ‘संयुक्त संसदीय समिति’ के पास भेज दिया था। समिति ने मूल मसौदे को यथावत रखा; उसमें किसी भी तरह के बदलाव की सिफारिश नहीं की। लेकिन,...
More »आने वाले संकट की आहट सुनते अरुणाचल के पक्षी
पारी. 7 अगस्त "मैंने अभी-अभी ओरिएंटल शामा की आवाज़ सुनी." मीका राई उत्साहित हैं. वह उसकी पुकार को चहचहाहट की मधुर शृंखला की तरह बताते हैं. हालांकि, उनके उत्साह में इस नन्हे काले, सफ़ेद और पीले पंखों वाले प्राणी को लेकर चिंता झलक रही है. अरुणाचल प्रदेश के ईगलनेस्ट वन्यजीव अभ्यारण्य में पिछले एक दशक से पक्षियों का अध्ययन कर रहे 30 वर्षीय फ़ील्ड स्टाफ़र मीका कहते हैं, "यह पक्षी अमूमन [900 मीटर]...
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