SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 1496

बैंकिंग घोटाला : 121 अरब रुपए के फ्रॉड, वसूली हुई 7.5 अरब

नई दिल्ली। पंजाब नेशनल बैंक में नीरव मोदी और मेहुल चौकसी की सांठगांठ ने देश के बैंकिंग सेक्टर को कितना बड़ा झटका दिया है, इसे समझने के लिए आप बस एक आंकड़े पर ध्यान दीजिए। अभी तक आधिकारिक तौर पर जो बताया गया है कि उसके मुताबिक इन दो लोगों ने पीएनबी को 12,700 करोड़ रुपए का चूना लगाया है। जबकि पिछले वित्त वर्ष 2016-17 में देश के सारे बैंकों...

More »

सिर्फ नियमों से नहीं लगेगी लगाम-- नीलंजन राजाध्यक्ष

भारतीय बैंकिंग की एक बुनियादी समस्या है, अनुचित इन्सेंटिव यानी प्रोत्साहन राशि। नीरव मोदी मामले के खुलासे के बाद हम बेशक वर्षों से कर्ज बांटने की खराब परिपाटी के कारण बैंकों की साख पर बन आए संकट पर अपना ध्यान केंद्रित करें, पर इन्सेंटिव पर भी कहीं अधिक गौर करने की जरूरत है। इस इन्सेंटिव समस्या को अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी, शॉन कोल और एस्थेर डूफ्लो ने एक शोध पत्र में बखूबी...

More »

इन भिखारियों के दो मंजिला मकान, रोज की कमाई हजार रुपए

अजमत अली, भिलाई(छत्तीसगढ़)। हाल ही केंद्र सरकार ने घोषणा की है कि देश के भिखारियों को कौशल विकास योजना के तहत प्रशिक्षित कर रोजगार-स्वरोजगार मुहैया कराया जाएगा...। आइये अब भिलाई चलते हैं। इस्पात नगरी के रूप में विख्यात छत्तीसगढ़ के इस शहर में भिखारियों का कौशल देख आप दो-तीन रात चैन से नहीं सो सकेंगे। दिमाग में बस दो ही शब्द गूंजते रह जाएंगे 'कौशल विकास'। दबंगई से रहते हैं... भिलाई में...

More »

अजन्मी बेटियों के बगैर-- पीयूष द्विवेदी

देश में विषम लिंगानुपात की समस्या और इस पर चर्चा, दोनों ही पुरानी हैं, मगर वर्तमान समय में जब शिक्षित हो रहे भारतीय समाज में लड़का-लड़की के बीच भेदभाव नहीं करने को लेकर सरकार से समाज तक की तरफ से प्रयास हो रहे हैं और माना जा रहा था कि स्थिति सुधर रही है, ऐसे समय में लिंगानुपात से संबंधित नीति आयोग की ताजा रिपोर्ट हमें पुन: सोचने पर विवश...

More »

2011 से 2017 के बीच हुए कुछ बड़े बैंक घोटाले

देश के राष्ट्रीयकृत बैंकों में उद्योग लगाने या कारोबार के लिए कर्ज लेकर पचा डालने की परिपाटी बीते पांच साल में तेजी से बढ़ी है। पिछले वित्त वर्ष में सबसे ज्यादा रकम लेकर लोगों ने नहीं चुकाई और कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल समेत कई जगह इस मामले में मुकदमे भी दायर किए गए हैं। अधिकांश मुकदमे कंपनी की दयनीय हालत के मद्देनजर कर्ज माफी या दिवालिया घोषित करने को लेकर हैं।...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close