SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 752

हमसे स्कूल मत छीनो - निवेदिता

मेरा शहर निहायत बदसूरत है। एक ऐसा शहर जहां पेड़-पौधे नहीं हैं, बाग नहीं हैं और जहां मौसम का फर्क सिर्फ आसमान में नजर आता है। उसके बावजूद कुछ है जिसने घोर दुखों के बीच जीवन को बनाए रखा है, सपने मरने नहीं दिए और जिसने लजाते सौंदर्य का उसकी खोह तक पीछा किया। सबसे अहम बात है जिंदगी के पक्ष में खड़ा रहना, अपनी दुनिया की बेहतरी के लिए...

More »

गुड न्यूज : आठ हजार शिक्षकों की नियुक्ति होगी

रांची : राज्य के अपग्रेड उच्च विद्यालय व राजकीयकृत उच्च विद्यालय में शिक्षक नियुक्ति की अधियाचना कार्मिक विभाग को भेज दी गयी है. मानव संसाधन विकास विभाग ने दूसरी बार अधियाचना कार्मिक को भेजी है. कार्मिक विभाग द्वारा प्रस्ताव के कुछ बिंदुओं पर जानकारी मांगी गयी थी. शिक्षा विभाग द्वारा इन जानकारियों के साथ, फिर से अधियाचना भेजी गयी है. राज्य के 881 अपग्रेड उच्च विद्यालय में 6,555 व राजकीयकृत उच्च...

More »

पुरानी परेशानियों का खुलेगा पिटारा - जयराम रमेश

विगत सोमवार को मोदी सरकार ने भूमि अधिग्रहण कानून-2013 में संशोधन के लिए प्रस्तावित अध्यादेश को मंजूरी दे दी। इस संशोधन के संदर्भ में जो कुछ सामने आया है, उसके तहत कुछ परियोजनाओं की अलग श्रेणी बनाई गई है, जिन्हें कथित तौर पर त्वरित ढंग से पूरा किया जाना है। इस श्रेणी के तहत जो विषय शामिल किए गए हैं, उनमें औद्योगिक कॉरिडोर, रक्षा एवं रक्षा उत्पादन तथा ग्रामीण बुनियादी...

More »

छुआछूत मुक्त भारत क्यों नहीं- सुरेन्द्र कुमार

जिन साथी भारतीयों ने ईसाई या इस्लाम कुबूल कर लिया, उनकी दुर्दशा पर कुछ लोगों को विलाप करते देखना चमत्कार ही है। इसलिए वे अब उन 'अभागों' को वापस हिंदू धर्म में शामिल कर उनके दुर्भाग्य को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं! वास्तव में, वे भारत में हिंदुओं की संख्या बढ़ाने को लेकर चिंतित हैं। उनके लिए उन लोगों की स्थितियां कोई मायने नहीं रखती, जिनका धर्मांतरण या...

More »

कंपनी बड़ी या देश-- अरविन्द कुमार सेन

नोबेल पुरस्कार विजेता पॉल क्रुगमैन ने दो दशक पहले शोध पत्रिका हॉवर्ड बिजनेस रिव्यू में ‘देश एक कंपनी नहीं है' शीर्षक से शोध-पत्र लिखा था। यह शोध-पत्र उस दौर में प्रकाशित हुआ था, जब भुगतान संतुलन की बीमारी से दो-चार हो रही भारत जैसी विकासशील अर्थव्यवस्थाओं पर विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक संगठन की अगुआई में नवउदारवादी नीतियां थोपी जा रही थीं। हर तरफ आर्थिक सुधारों की मार्फत अर्थव्यवस्था को...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close