पटना, जागरण संवाददाता। माकपा ने बिहार में भूमिहीनों के लिए आर-पार की लड़ाई छेड़ने का मन बनाया है। पार्टी की नेता बृंदा करात ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चेताया है कि वे राज्य में सीलिंग से अधिक जमीन वाले जमींदारों की भूमि को भूमिहीनों के बीच वितरित करें अन्यथा माकपा ऐसी भूमि पर कब्जा कराएगी। वह सोमवार को पटना में आर ब्लाक चौराहे पर एक रैली को संबोधित...
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दाल से टूटता रोटी का नाता
नई दिल्ली [रमेश दुबे]। दलहनों की पैदावार बढ़ाने के लिए लगभग दो दर्जन योजनाओं की असफलता के बाद केंद्र सरकार ने सीधे किसानों को ज्यादा कीमत देने की रणनीति अपनाई है। इसके तहत दलहनी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में भारी बढ़ोत्तरी की गई है। जहा अरहर के समर्थन मूल्य में सात सौ रुपये की वृद्धि की गई है, वहीं मूंग में 410 रुपये तथा उड़द में 380 रुपये की...
More »जैविक कृषि पद्धति अपनाने का आह्वान
शिमला : किसानों को अब परंपरागत खेती की ओर मुड़ना ही होगा। यदि समय रहते किसानों ने पुरानी कृषि पद्धति को नहीं अपनाया तो भविष्य में इसके भयावह परिणाम भुगतने होंगे। कृषि पद्धति ही नहीं किसानों को खेती में विविधता भी लानी होगी क्योंकि अधिक रसायन के प्रयोग के कारण हिमाचल की मिट्टी से पोषक तत्व खत्म होते जा रहे हैं। विकसित देश अब भारत में की जाने वाली परपंरागत कृषि...
More »पांच वर्षो में कृषि क्षेत्र में सबसे कम वृद्धि
नई दिल्ली। सूखे के कारण देश के कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर वित्त वर्ष 2009-2010 में 0.2 प्रतिशत की रही है, जो पिछले पांच साल में वृद्धि दर का सबसे कम आंकड़ा है। वित्त वर्ष 2008-09 में कृषि एवं सहायक क्षेत्रों की वृद्धि दर 1.6 प्रतिशत रही थी। कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर बेशक कम रही हो, लेकिन केंद्रीय सांख्यिकी संगठन [सीएसओ] के पहले के अनुमान के मुकाबले में यह अधिक रही है। सीएसओ...
More »रोटी को तरसते लोग, गोदामों में सड़ते अनाज
नई दिल्ली [उमा श्रीराम]। करीब 70 वर्ष पहले चर्चित कवि सुब्रमण्यम भारती ने यह कहकर हलचल मचा दी थी कि यदि दुनिया में एक भी आदमी भूखा है तो इस विश्व को ही नष्ट कर दो। भारती जी ने तभी भारत की आजादी को देख लिया था और उन्होंने आधुनिक भारत, युवा वर्ग व महिलाओं को समर्पित करते हुए कई कविताएं रच डाली थी। पर दुर्भाग्य से वे यह कल्पना भी नहीं कर सके...
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