सभ्यता और सभ्य होने का सिर्फ एक अर्थ है,अपने आसपास के पर्यावरण का आदर और आदरसूचक मूल्य से उसके प्रति सोच। सभ्यताओं का पतन तभी होता है जब आसपास के पर्यावरण के प्रति सम्मान कम हो जाता है, पर्यावरण के प्रति नजरिया व परिप्रेक्ष्य बदल जाता है। सिंधु घाटी, दजला फरात, माया- इन सभी सभ्यताओं का पतन इन्हीं कारणों का प्रतिफल था। आज का आधुनिक और सभ्य समाज पर्यावरण के...
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हकीकत में नहीं, कागजों में बढ़ रहे हैं जंगल
जंगलों के मामले में पूरे देश में झारखंड का 10वां स्थान आता है. फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया (एफएसआइ) के आंकड़े भी बताते हैं कि राज्य में जंगल बढ़ रहा है. सेटलाइट सर्वे के माध्यम से किये गये सर्वेक्षण में इसे बढ़ा हुआ बताया जा रहा है, जबकि हकीकत कुछ और बयां करते हैं. वन विभाग के अधिकारियों का इस बारे में अलग-अलग मत है. कई अधिकारियों ने सर्वे के...
More »पर्यावरण दिवस विशेष : चट्टानों पर हरियाली, जूट बिछाकर रोपे दो हजार पौधे
सुमित अवस्थी/खंडवा। ओंकार पर्वत पर वन विभाग ने करीब दो हेक्टेयर क्षेत्र में चट्टानों पर जूट बिछाकर कई प्रजातियों के दो हजार पौधे लगाए हैं। 1900 से अधिक पौधे लहलहा रहे हैं। इससे पर्वत से मिट्टी का कटाव भी रुक गया है। बंजर चट्टनों पर हरियाली का प्रयोग सफल होने के बाद अब ओंकार पर्वत के परिक्रमा पथ पर पौधरोपण की तैयारी की जा रही है। पर्यावरण दिवस पर नईदुनिया की...
More »डॉक्टर ने बदली तीन सौ गांवों की तस्वीर
भारतीय रेलवे के कर्मचारी देवराव कोल्हे के पुत्र रवींद्र नागपुर मेडिकल कॉलेज में पढ़ रहे थे। हर किसी को उनके डॉक्टर बनकर अपने गांव शेगाव लौटने का इंतजार था, लेकिन किसे मालूम था कि शहर में अच्छी प्रैक्टिस शुरू करने की बजाय रवींद्र एकदम उल्टी दिशा ही पकड़ लेंगे। वे महात्मा गांधी और विनोबा भावे की किताबों से बहुत प्रभावित थे। पढ़ाई पूरे होते-होते वे निश्चय कर चुके थे कि...
More »राजस्थान में 20 हजार खानों के फिर से चालू होने की उम्मीद
जयपुर। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) से पर्यावरण संबंधी स्वीकृति न मिलने से पिछले दो दिनों से बंद पड़ी राजस्थान की 20 हजार खानों के फिर से चालू होने की उम्मीद जगी है। राज्य सरकार की अपील और दो केंद्रीय मंत्रियों के आग्रह पर एनजीटी ने शुक्रवार को सुनवाई की तारीख तय की है। राज्य सरकार ने एनजीटी से की गई अपील में ऐसे खान मालिकों को राहत देने की मांग की...
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