भोपाल (नप्र)। संकोच और डर एचआईवी/एड्स पीड़ितों पर भारी पड़ रहा है। जानलेवा बीमारी होने के बाद भी मरीज इलाज से बच रहे हैं। इतना ही नहीं इलाज के लिए एक बार आ भी गए तो बीच में ही दवा छोड़ देते हैं, जिससे उनकी बीमारी और खतरनाक हो जाती है। मध्यप्रदेश में 2005 से लेकर अब तक 39114, एचआईवी पाजीटिव खोजे जा चुके हैं। इनमें 40 फीसदी से ज्यादा को...
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गरीब पर शक- विष्णु नागर
दिल्ली के जोहरीपुर इलाके के एक निम्न मध्यवर्गीय परिवार के सत्रह वर्षीय लड़के अनुपम गुप्ता ने कुछ दिन पहले साइकिल चोरी का आरोप लगाए जाने और पुलिस द्वारा इस वजह से उसे परेशान किए जाने पर आत्महत्या कर ली। यों, आंकड़ों के मुताबिक 2012 में एक लाख पैंतीस हजार से कुछ अधिक आत्महत्याएं हुर्इं। यह वैसी ही घटनाओं में एक है। अनुपम के माता-पिता अपनी तीन बेटियों और अपने इस...
More »यहां जन्म लेते ही अग्निपरीक्षा से गुजरते हैं नवजात
विकास पांडेय, कोरबा। उरगा-करतला मार्ग पर एक ऐसा गांव भी है, जहां के नवजात शिशुओं को जन्म लेते ही एक भीषण अग्निपरीक्षा से गुजरना पड़ता है। यहां के आदिवासी समुदाय के लोग अपने एक से 10 दिन के दूधमुहे बच्चों के पेट में लोहे की गर्म सीक से दाग दिलाते हैं। उनका मानना है कि इस तरह नवजातों को सर्दी-जुकाम व पेट की बीमारियों से हमेशा के लिए निजात मिल...
More »...जहां बीमारियों के साये में बीत रहा है बचपन
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 30 वर्ष पहले हुई दुनिया की सबसे बड़ी औद्योगिक त्रासदी का असर अब भी बरकरार है। यूनियन कार्बाइड संयंत्र के आसपास की हर बस्ती इस बात की गवाही दे रही है कि यहां बचपन पर संकट बना हुआ है, यहां बीमारियां उनके जीवन को दीमक की तरह चट कर रही हैं। अब से 30 वर्ष पहले यूनियन कार्बाइड के संयंत्र से रिसी जहरीली गैस ने...
More »कितने जानवरों को टीके लगे, विभाग को पता नहीं
पटना: पशुओं के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए एएससीएडी या ऐसकैड (पशु में बीमारियों के नियंत्रण के लिए राज्यों को सहायता) प्रोग्राम के तहत बड़ी मुहिम चलाने की योजना है. इसमें पशु टीकाकरण के अलावा पशु अस्पतालों का निर्माण, कर्मचारियों का प्रशिक्षण समेत कई अन्य महत्वपूर्ण कार्य कराने हैं. पशुओं को एचएसबीक्यू (लंगड़ी और गलाघोंटू), एफएमडी (खुरहा व मुंह पका) और पीपीआर (खासतौर से बकरियों में होनेवाली जानलेवा बीमारी) जैसे...
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