मलकानगिरी। ओड़िशा के मलकानगिरी जिले में पुलिस का मुखबिर होने के संदेह में माओवादियों ने एक आदिवासी सरपंच की हत्या कर दी । पुलिस ने आज बताया कि माओवादियों का एक समूह यहां से करीब 40 किलोमीटर दूर पाडिया इलाके में मातेरू ग्राम पंचायत के सरपंच सौमेन्द्र बेती को उसके घर से देर रात उठा ले गया । बेती का शव आज सुबह गांववालों को पास के एक जंगल में मिला ।...
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दलित-प्रश्न और मीडिया- उर्मिलेश
जनसत्ता 25 अक्तूबर, 2013 : ‘नो वन किल्ड जेसिका’, सिर्फ एक शानदार अखबारी शीर्षक नहीं था। अपराध-दंड प्रक्रिया में व्याप्त विसंगतियों को उद्घाटित कर वह एक जन-अभियान का नारा बन गया, जिसने अंतत: कामयाबी हासिल की। लेकिन मध्य बिहार के लक्ष्मणपुर-बाथे में मारे गए दलित-उत्पीड़ित तबके के अट्ठावन लोगों के बारे में लंबे इंतजार के बाद नौ अक्तूबर को पटना उच्च न्यायालय का जो फैसला आया, उसके बाद ऐसी आवाजें...
More »आम आदमी और उसका राजनीतिक प्रयोग- गिरिराज किशोर
जनसत्ता 24 अक्तूबर, 2013 : आजादी के बाद एक प्रयोग डॉ राममनोहर लोहिया ने राज्यों में संविद सरकार बनवाने का किया था, जो सफल भी रहा। इसका कारण था, उन्होंने सरकारों के लिए कुछ मानक तय किए थे। उदाहरण के लिए, जब थानू पिल्लै की सरकार ने छात्रों पर गोली चलाई गई तो उन्होंने सरकार से त्यागपत्र देने को कहा। इस पर मतभेद हो गया। लेकिन वे इस सिद्धांत पर...
More »परिचर्चा: विकास की अवधारणा
निमंत्रण परिचर्चा: विकास की अवधारणा डॉ. शिवराज सिंह (योजना मंडल) और प्रो. हनुमंत यादव, चर्चा में- बी.के.मनीष के साथ. छत्तीसगढ़ इलेक्शन वॉच की ’विधानसभा चुनाव जागरूकता कार्यक्रम श्रृंखला” की पहली कड़ी. सायं ४ बजे, मंगलवार, २२ अक्टूबर, प्रेस क्लब, रायपुर. धार्मिक ध्रुवीकरण तथा सामाजिक न्याय जैसे मुद्दों को पार कर के अब चुनाव विकास के मुद्दे पर लड़े जा रहे हैं। जहां राज्य और केंद्र की वर्तमान सरकारें चहुंमुखी विकास विकास के दावे करते नहीं थक रही हैं वहीं...
More »चालीस करोड़ औरतों का हौसला- सुभाषिनी अली
अभी कुछ दिनों पहले देश के सर्वोच्च निर्वाचित पद के एक प्रत्याशी ने इस पर खेद प्रकट किया कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने हमारे प्रधानमंत्री को देहाती औरत कहकर उनका अपमान किया है। अब इस बात की सफाई दी जा चुकी है कि नवाज शरीफ ने ऐसा नहीं कहा, लेकिन अभी तक इसकी सफाई नहीं दी गई है कि प्रत्याशी जी देहाती औरत शब्द को अपमानजनक क्यों मानते हैं। देश की चालीस करोड़...
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