-द वायर, बैंकों की सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) तुलनात्मक परिदृश्य के अंतर्गत चालू वित्त वर्ष के अंत तक बढ़कर 12.5 प्रतिशत हो सकती है. यह मार्च 2020 में 8.5 प्रतिशत थी. रिजर्व बैंक की वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में यह कहा गया है. रिपोर्ट के अनुसार, बहुत गंभीर दबाव वाले परिदृश्य में सकल एनपीए मार्च 2021 तक 14.7 प्रतिशत तक जा सकता है. इसमें कहा गया है, ‘दबाव परीक्षण यह संकेत देता है कि...
More »SEARCH RESULT
बीजिंग का ‘सहयोग न मिलने’ से लद्दाख में पीछे हटने की प्रक्रिया धीमी हुई, भारत-चीन के बीच बातचीत शुरू
-द प्रिंट, दिप्रिंट को पता चला है कि भारत-चीन सीमा मामलों पर वर्किंग मैकेनिज्म फॉर कंसल्टेशन एंड को-ऑर्डिनेशन (डब्ल्यूएमसीसी) के तहत, दोनों देशों के बीच शुक्रवार को एक और राउंड की बातचीत हुई. ये बातचीत उन ख़बरों के बीच हुई कि लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर पीछे हटने की प्रक्रिया धीमी पड़ गई है. सूत्रों के मुताबिक़, शुक्रवार की डब्ल्यूएमसीसी मीटिंग इसलिए हुई कि चीन भारत के साथ ‘पूरा सहयोग...
More »क्या मनरेगा के लिए आंवटित अतिरिक्त 40,000 करोड़ रुपये का राहत पैकेज लॉकडाउन के दौरान वापस लौटे प्रवासी मजदूरों के लिए मददगार साबित होगा ?
साल 2020 की शुरुआत में सामाजिक कार्यकर्ताओं और संबंधित अर्थशास्त्रियों ने साल 2020-21 के लिए गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGS) के तहत कम से कम 1 लाख करोड़ रुपये के आवंटन की मांग की. लेकिन 1 फरवरी को वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में वित्त वर्ष 2020-21 के लिए मनरेगा के तहत केवल Rs.61,500 करोड़ आवंटित किए. जोकि 2019-20 में मनरेगा पर खर्च किए गए फंड की तुलना...
More »लॉकडाउन का असर: देश भर में छह फीसद घट जाएगी बिजली की मांग
-इंडिया टूडे, ऊर्जा की खपत देश के आर्थिक विकास के लिए एक महत्वपूर्ण पैमाना होता है. मौजूदा वित्त वर्ष में भारत में बिजली की मांग छह फीसद तक घट सकती है. रेटिंग एजेंसी इक्रा के ताजा अनुमान के मुताबिक, लॉकडाउन के कारण देश में बिजली की मांग पिछले साल की तुलना में छह फीसद कम रहेगी. एजेंसी ने अपने पिछले अनुमान में बिजली की खपत एक फीसद घटने की आशंका जताई...
More »लॉकडाउन के समय दिल्ली में 53 फीसदी घट गया था प्रदूषण
-डाउन टू अर्थ, लॉकडाउन के समय दिल्ली में प्रदूषण का स्तर 53 फीसदी तक घट गया था जबकि उसी समय मुंबई में 10 से 39 फीसद की गिरावट दर्ज की गई थी| यह जानकारी यूनिवर्सिटी ऑफ सरे द्वारा किये एक शोध में सामने आई है| जोकि अंतराष्ट्रीय जर्नल सस्टेनेबल सिटीज एंड सोसाइटी में प्रकाशित हुआ है| शोध के अनुसार यदि एशिया और यूरोप के शहरों पर नजर डालें तो दिल्ली में लगभग...
More »