नयी दिल्ली : अदाणी समूह को एक अरब डॉलर का ऋण देने के लिए एसबीआई द्वारा एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करने पर कांग्रेस की ओर से खडे गए सवालों को खारिज करते हुए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आज यहां कहा कि सरकारी बैंक अपने वाणिज्यिक फैसले खुद लेता है और उसमें सरकार की कोई भूमिका नहीं थी. मंत्री ने यहां संवाददाताओं को बताया कि कांग्रेस ने एसबीआई पर अदाणी...
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हमने क्या खोया और क्या पाया? - देविंदर शर्मा
चंद हफ्तों पहले की ही बात है। जैसे ही महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के परिणाम सामने आए, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे अपने महत्व की चेतना से भर गए थे। उन्हें लगता था कि नई सरकार में वे अहम भूमिका निभाएंगे और शायद उन्हें गठबंधन सरकार में उपमुख्यमंत्री का पद भी मिल जाए। तभी राकांपा ने भाजपा को बिना शर्त समर्थन देने की घोषणा कर दी और शिवसेना का गणित बिगड़ गया।...
More »पीएसयू बैंकों की ग्रामीण शाखाएं अगले पांच साल में आ जाएगी लाभ में
नेटवर्क विस्तार करने के साथ ही प्रति ब्रांच अधिक कारोबार होने और लो-कॉस्ट चैनल जैसे बिजनेस करेसपोंडेंट्स का इस्तेमाल करने से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का ग्रामीण ऑपरेशन अगले पांच सालों में फायदे में आ जाएगा। यह बात सोमवार को क्रिकेट रिसर्च ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि निजी बैंकों का ग्रामीण ऑपरेशन मामलू फायदे में है, जबकि सार्वजनिक बैंकों को ग्रामीण इलाकों में...
More »सबसे तेज विकास करने वाला एशियाई देश होगा भारत
सिंगापुर। एशिया के तमाम देशों में भारत सबसे अधिक तेजी से आर्थिक वृद्घि दर्ज करने वाला देश होगा। मॉर्गन स्टैनली के मुताबिक 2015 के दौरान यहां सकल घेरलू उत्पादन (जीडीपी) में 6.3 प्रतिशत बढ़ोतरी की उम्मीद है। 12-14 नवंबर के दौरान मॉर्गन स्टैनली के सालाना एशिया-प्रशांत शिखर सम्मेलन में हुई प्रस्तुति में कहा गया कि अगले साल के अंत तक डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपए की विनिमय दर 62.2 रहेगी। इस...
More »आलू की कालाबाजारी रोकने के लिए छापामार कार्रवाई की तैयारी
रायपुर(व्याप्र)। आलू इन दिनों पूरी तरह से मुनाफाखोरों के हाथों में चला गया है। आलू की कालाबाजारी रोकने के लिए अब जिला प्रशासन छापा मार कार्रवाई करने की तैयारी में है। कारोबारी सूत्रों का कहना है कि मुनाफाखोरों द्वारा मिलकर आलू के भाव तय किए जा रहे हैं तथा इनकी सप्लाई भी उनके कहने के अनुसार ही होती है। इनके अलावा बहुत से कारोबारियों के पास अभी भी माल न आने...
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