विदर्भ को देश भर में किसानों की आत्महत्या वाले इलाके के रुप में जाना जाता है लेकिन इसी इलाके में सतपुड़ा पर्वत में बसी मेलघाट की पहाड़ियों में छोटे बच्चों की मौत के आंकड़े पहाड़ियों से ऊंचे होते चले जा रहे हैं. साल दर साल कोरकू आदिवासियों के हजारों बच्चे असमय काल के गाल में समाते चले जा रहे हैं. कुपोषण मेलघाट में 1993 को पहली बार कुपोषण से बच्चों के मरने...
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बेहाल बुंदेले बदहाल बुंदेलखंड - 1
अपनी वीरता और जुझारूपन के लिए प्रसिद्ध बुंदेलखंड में कई सालों के सूखे, इसके चलते पैदा कृषि संकट और इनसे निपटने की योजनाओं में भ्रष्टाचार ने पलायन और आत्महत्याओं की एक अंतहीन श्रृंखला को जन्म दे डाला है. - रिपोर्ट रेयाज उल हक बुंदेलखंड को मिले 3,506 करोड़ रुपए के पैकेज से महोबा जिले के पवा गांव की रामकली को समय पर और नियमित रूप से राशन मिल जाने की कम...
More »लोगों ने सूदखोरों के खिलाफ मोर्चा खोला
देवघर, मधुपुर। मधुपुर अनुमंडल क्षेत्र के लोगों ने सूदखोरों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सोमवार को लोगों ने अनुमंडल पदाधिकारी के खिलाफ नारेबाजी की। सभी पीड़ित हाथों में तख्ती लिए हुए थे। मौके पर पीड़ित दर्जनों लोगों द्वारा हस्ताक्षरित राज्यपाल के नाम प्रेषित ज्ञापन को अनुमंडलाधिकारी को सौंपा। राज्यपाल के नाम लिखित पत्र में पीड़ितों ने न्याय दिलाने की मांग करते हुए सूदखोरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की गुहार लगायी...
More »घर नहीं पर कहे जाते अमीर
इंद्रपुरी [रोहतास, निज प्रतिनिधि]। 'न जीने की ताकत न आती है मौत, जिंदगानी तलवार दुधारी बाबू जी, पूरी पीढ़ी खप गई बयाज चुकान में, फिर भी कायम रहीं उधारी बाबू जी'। कविता किरण की यह पंक्तियां गुमनाम भुईया टोले की स्थिति को चरितार्थ कर रही है। दुधमी डिहरी भुईया टोली के अधिकांश महादलित गरीबी रेखा से ऊपर है। जबकि इनके पास न घर बनाने, न खेती करने की जमीन है।...
More »विद्रोह के केंद्र में दिन और रातें
जाने-माने मानवाधिकार कार्यकर्ता और ईपीडब्ल्यू के सलाहकार संपादक गौतम नवलखा तथा स्वीडिश पत्रकार जॉन मिर्डल कुछ समय पहले भारत में माओवाद के प्रभाव वाले इलाकों में गए थे, जिसके दौरान उन्होंने भाकपा माओवादी के महासचिव गणपति से भी मुलाकात की थी. इस यात्रा से लौटने के बाद गौतम ने यह लंबा आलेख लिखा है, जिसमें वे न सिर्फ ऑपरेशन ग्रीन हंट के निहितार्थों की गहराई से पड़ताल करते हैं, बल्कि माओवादी...
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