ट्वीटर जैसे सोशल नेटवर्क पर अब बहस बैंगन पर आ टिकी हैं और ग्रीन पीस इंडिया जैसे संगठन ने आनुवांशिक रुप से परिवर्धित फसलों के खिलाफ जनमत बनाने के लिए सचमुच दुनिया का सबसे नायाब बैंगन का भर्ता बनाने की ठान ली है।बीटी बैंगन के खिलाफ बहस की आंच तेज हो रही है और बैंगन का सवाल अचानक आनुवांशिक रुप से परिशोधित फसलों की जमीन तैयार करने या फिर उनकी...
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हमारी नादानी से नदारद न हो जाएं नदियां
इसे अपनी संस्कृति की विशेषता कहें या परंपरा, हमारे यहा मेले नदियों के तट पर, उनके संगम पर या धर्म स्थानों पर लगते हैं और जहा तक कुंभ का सवाल है, वह तो नदियों के तट पर ही लगते हैं। आस्था के वशीभूत लाखों-करोड़ों लोग आकर उन नदियों में स्नानकर पुण्य अर्जित कर खुद को धन्य समझते हैं, लेकिन विडंबना यह है कि वे उस नदी के जीवन के बारे में कभी भी नहीं सोचते।...
More »खेतों में मिलेंगे हल - भवदीप कंग
ऐसे समय में जबकि खाद्य पदार्थो की कीमतें आसमान छू रही हैं और दुनिया में भुखमरी अपने पैर पसार रही है, जलवायु परिवर्तन से संबंधित विशेषज्ञ आगाह कर रहे हैं कि आने वाले वक्त में हमें और भी भयावह स्थिति का सामना करना पड़ेगा। दिनों-दिन बढ़ते वैश्विक तापमान की वजह से भारत की कृषि क्षमता में लगातार गिरावट आती जा रही है।एक अनुमान के मुताबिक इस क्षमता में 40 फीसदी तक की कमी हो सकती...
More »चावल की कई किस्में गायब
रायपुर. बारिश की कमी के कारण राज्य के ज्यादतर किसान पिछले कुछ सालों से लंबी अवधि के धान नहीं लगा रहे। इसके कारण ‘धान का कटोरा’ कहलाने वाले छत्तीसगढ़ में स्थानीय विशेषता वाली चावल की किस्में धीरे-धीरे लुप्त होती जा रही हैं। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन का असर इंसान और पशु-पक्षियों के अलावा फसलों पर भी नजर आने लगा है। इसका सबसे अच्छा उदाहरण राज्य के...
More »पालिथीन के व्यवहार से बढ़ रहा प्रदूषण
जामताड़ा, नाला, संसू। सरकारी उदासीनता के कारण नाला बाजार सहित समीप के गांवों में धड़ल्ले से पालीथिन व्यवहार करने के कारण प्रदूषण संकट उत्पन्न होने लगा है। लोगों का कहना है कि जिस रफ्तार से पालिथीन का व्यवहार किया जा रहा है और उसके बाद सड़क किनारे यत्र-तत्र फेंका जा रहा है उससे प्रदूषण की समस्या गहराने लगी है तथा कृषि योग्य जमीन भी बंजर होने के कगार पर आ...
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