देहरादून। वर्ष 2008-09 में उत्तराखंड की कृषि विकास दर ऋणात्मक रही है। इसकी प्रमुख वजह सूखा और तकनीकी सुधार में खामी को बताया जा रहा है। आने वाले दो वर्षो में वर्षा की स्थिति पर राज्य की कृषि विकास दर निर्भर करेगी। ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना के मध्यवर्ती मूल्यांकन में ये तथ्य सामने आए हैं। मूल्यांकन में बताया गया है कि राष्ट्रीय स्तर पर दसवीं पंचवर्षीय योजना में कृषि के...
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कभी थे सरकार, अब मांग रहे अधिकार
सासाराम [ब्रजेश पाठक]। रोहतास पर राज करने वाले खरवार-चेरो राजाओं का इतिहास, उनकी सभ्यता व संस्कृति काफी समृद्ध रही है। नायक प्रताप धवल, बिक्रम धवल से लेकर उदयचंद ने यहां राज किया। आज उन्हीं के वंशज दाने-दाने को मोहताज होकर अधिकार की लड़ाई लड़ रहे हैं। अशिक्षा, लाचारी, भूख व बेबसी से त्रस्त अधिकांश आदिवासी एकजुट होने की रणनीति बना रहे हैं। शाहाबाद गजेटियर में रोहतास क्षेत्र के आदिम जनजातियों...
More »तटबंधों पर दबाव बढ़ा, कई इलाकों में तबाही
पटना, जागरण संवाददाता। बिहार में बुधवार को भी नदियों के जलस्तर में उतार-चढ़ाव जारी रहा। उत्तर बिहार के में पहाड़ी नदियों का कहर जारी है, जिससे तटबंधों पर दबाव बढ़ रहा है। सुरक्षा उपायों के तहत होमगार्ड जवानों की तैनाती की जा रही है। दरभंगा के कई इलाकों में पानी फैलने से आवागमन ठप हो गया है। कई गांव पानी से घिरे हैं। पूर्वी बिहार में कोसी के कटाव से...
More »आरटीआई ने बचाया नैनीताल का पर्यावरण
नई दिल्ली [जागरण न्यूज नेटवर्क]। पहाड़ी क्षेत्रों में अंधाधुंध खनन और तेजी से बढ़ रहे कंक्रीट के जंगल के कारण वहां के पर्यावरण को काफी क्षति पहुंच रही है, लेकिन जब तक अजय सिंह रावत जैसे लोग सक्रिय रहेंगे, तब तक यह उम्मीद भी जिंदा रहेगी कि पहाड़ों के पर्यावरण को नष्ट होने से बचाया जा सकता है। इस उद्देश्य को हासिल करने में आरटीआई कानून की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। कुमाऊं...
More »खबरों का ग्रीनहंट! : अरुंधति राय
भारत सरकार एक ओर जब देश के गांवों में सेना और वायुसेना तैनात कर लोगों के संघर्ष को दबाने पर विचार कर रही है तो दूसरी ओर शहरों में कुछ विचित्र घटनाएं देखने में आ रही हैं। बीते 2 जून को मैंने मुंबई में कमेटी फॉर प्रोटेक्शन ऑफ डेमोक्रेटिक राइट्स (सीपीडीआर) द्वारा आयोजित एक जनसभा को संबोधित किया। अगले दिन तमाम अखबारों और टीवी चैनलों पर इसकी सही कवरेज हुई। इसी दिन...
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