राज्य सरकार के दो मंत्रियों गृह क्षेत्र के अस्पतालों की हालत खस्ता है. यहां चिकित्सक, कर्मचारी व संसाधनों का घोर अभाव है. सबसे बड़ी समस्या महिला चिकित्सकों की कमी है. मरीजों को आवश्यक दवा भी बाजार से खरीदनी पड़ती है. भवनों की हालत पूरी तरह जीर्ण-शीर्ण बनी हुई है. बेड का भी अभाव है. सफाई व्यवस्था की हालत भी दयनीय है. चिकित्साकर्मियों को आवास की भी सुविधा नहीं है. ।।ठाकुर संग्राम...
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गुजरात के विकास का सच
जनसत्ता 6 नवंबर, 2012: अमिताभ बच्चन जब भी रेडियो और टेलीविजन पर एक विज्ञापन ‘खुशबू गुजरात की’ करते हैं तो उनकी दिलकश आवाज और लहजे से एक बार तो मन करता है कि ‘गुजरात-2002’ को भूल कर एक साधारण पर्यटक की तरह गुजरात घूमा जाए। नरेंद्र मोदी ने, विशेषकर 2002 के बाद, मीडिया में अपनी और गुजरात की छवि सुधारने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। दरअसल, 2002 के दंगों के एक वर्ष बाद...
More »हर 20 सेकेंड में मर जा रहा एक बच्चा, जानिये इस बीमारी के खतरे!
रांची. दुनिया में निमोनिया से प्रत्येक 20 सेकेंड में एक बच्चे की मौत होती है। इसका प्रमुख कारण है पीडि़त बच्चों के साथ घर में लापरवाही। जब बच्चा बीमार पड़ता है, तो लोग खुद से इलाज शुरू कर देते हैं और जब डॉक्टर तक पहुंचते हैं तब देर हो चुकी होती है। इसलिए जब भी सरदी, खांसी, सांस तेज चलना, छाती से घर्र घरघराहट की आवाज आती तो डॉक्टर से मिलें। आज...
More »हवा में अटका ‘जहर’ हजारों लोग बीमार
बंगाल की खाड़ी में आए चक्रवाती तूफान ने दिल्ली-एनसीआर की जान मुश्किल में डाल दी है। पहले ही भयानक प्रदूषण से जूझ रहा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र अब ऐसे मौसमी संक्रमण की चपेट में आया है कि हजारों लोग बीमार हो गए हैं। पिछले तीन दिन से यहां वातावरण में धुंध और धुएं जैसी ऐसी परत छाई हुई है कि लोगों को सांस लेना दूभर हो रहा है। आंखों में चुभन, ब्रान्काटिस,...
More »10 रुपये की दवा बिक रही 60 में, पढ़िए यह चौंका देने वाली खबर जो आएगी आपके काम!
रांची। राजधानी समेत पूरे राज्य में इलाज कराने वाले मरीज 10 रुपए की दवा 60 रुपए में खरीदने को विवश हैं। एक ही रोग के निवारण के लिए बाजार में बिकनेवाली दवाओं की कीमतों में जमीन-आसमान का फर्क है। केंद्र सरकार ने आम इस्तेमाल में आने वाली 68 दवाओं की कीमत तय कर रखी है, लेकिन दवा निर्माता कंपनियां नियमों को नहीं मानती हैं। जिन दवाओं की कीमत 10 रुपए तय की...
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