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राजस्थान इस कठिन समय में अपने लोक कलाकारों का साथ देने के नाम पर उनके साथ मजाक क्यों कर रहा है?

-सत्याग्रह,  जोधपुर के विश्व प्रसिद्ध लोक कलाकार सुगनाराम भोपा हताश हैं. ‘सिरकार (सरकार) हमे कैसे-कैसे बेइज्जत करती है? मैं अनपढ़ हूं. रावणहत्था बजाकर अपने बच्चों का पेट भरता हूं. मेरे पास ये झूंपड़ी हैं. सिरकार कह रही है कि लोक कलाकार वीडियो बनाकर भेजे. उनको 2500 रु मिलेंगे. मैं क्या करूं? न तो मेरे पास ऐसा फ़ोन है जो वीडियो बना सके ओर न ही मेरे को चलाने का पता’ वे...

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विश्व मधुमक्खी दिवस पर आनलाइन कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन - डॉ. कुमार

-फसलक्रांति,  कृषि विज्ञान केन्द्र, रीवा के पौध संरक्षण वैज्ञानिक डॉ.अखिलेश कुमार ने विश्व मधुमक्खी दिवस पर मुधमक्खीपालन एवं मधुमक्खी पालन में जैवकीटनाशकों के महत्त्व पर कृषकों को आनलाइन प्रशिक्षण दिया गया जिसमें शुरूवाती समय में इस वैश्विक महामारी कोविद-19 से बचाव के लिए कृषकें को दो गज की दूरी, मास्क लगाने, साबुन से कम से कम 20 सेंकेण्ड तक दिन में 5-6 बार हाथ धोने, सैनिटाइजर का प्रयोग के साथ-साथ बिना...

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क्या सुप्रीम कोर्ट अनुसूचित जनजातियों को मिले अधिकारों को बोझ समझता है?

-द वायर, चेबरोलू लीला प्रसाद और अन्य बनाम आंध्र प्रदेश राज्य और अन्य वाले मामले में सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ का हालिया फैसला हमें एक बार फिर यह दिखाता है कि भारतीय संविधान की पांचवीं अनुसूची, जिस पर आदिवासी अधिकारों की रक्षा करने का दायित्व है, को कितना कम समझा गया है. राज्य के अनुसूचित क्षेत्रों में अनुसूचित जनजाति के शिक्षकों को शत प्रतिशत आरक्षण देने के वर्ष 2000 के...

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आयुष्मान भारत स्कीम पर पीएम मोदी के दावे का पूरा सच

-बीबीसी,  आयुष्मान भारत के अब एक करोड़ लाभार्थी हो गए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार सुबह बड़े ज़ोर-शोर से इसे अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया. उसके बाद से ही बधाइयों का तांता लग गया. क्या अमिताभ बच्चन, क्या अजय देवगन और क्या सरकार के मंत्री. सबने लपक कर इस ख़बर को री-ट्वीट और शेयर किया. आयुष्मान भारत देश की ही नहीं विश्व की सबसे बड़ी हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम है- ऐसा केंद्र...

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लॉकडाउन से रोजगार खतरे में!

अज़ीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी (APU) के विभाग ‘सेंटर फॉर सस्टेनेबल एंप्लॉयमेंट’ द्वारा जारी अध्ययन के प्रारंभिक परिणामों से संकेत मिलता है कि लॉकडाउन का कामकाजी लोगों की आजीविका पर बहुत बुरे प्रभाव पड़े हैं. हाल ही में सेंटर फॉर सस्टेनेबल एंप्लॉयमेंट ने सिविल सोसाइटी संगठनों के साथ मिलकर देश भर में यह सर्वेक्षण किया जा रहा है. आजीविका पर प्रभाव 13 अप्रैल, 2020 और 9 मई, 2020 के बीच टेलीफोनिक साक्षात्कार के माध्यम...

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