राजनीतिक दल चुनाव मैदान में उतरते हुए ढेर सारे वायदे करते हैं। लेकिन अगर वे चुनाव जीतकर सरकार बना लेते हैं, तो तमाम वायदे भूलने लगते हैं। स्कूली बस्ते से बोझ हटाने का वायदा भी ऐसा ही है। करीब 27 साल से लटकी इस योजना को अब तक किसी सरकार ने गंभीरता से लागू करने की कोशिश नहीं की। पर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने पिछले दिनों यह घोषणा...
More »SEARCH RESULT
रोबोट मारेगा खेत में खरपतवार--
कभी पानी की कमी, कभी बाढ़ तो कभी कीटनाशक. फसल उगाने से पहले किसानों को कई समस्याओं से जूझना पड़ता है. जर्मनी के वैज्ञानिक ऐसा रोबोट बना रहे हैं, जो खरपतवार को लेजर से समाप्त कर देगा. वैज्ञानिक ऐसा विकल्प खोजने में लगे हैं, जो कीटनाशकों की जगह पर रोबोट ड्रोन और लेजर किरणों की मदद से खरपतवार को नष्ट करेगा. परंपरागत रूप से इन्हें कीटनाशक डाल कर खत्म किया जाता...
More »100 से 200 साल में डूब जायेंगे कोलकाता और मुंबई-- मिथिलेश झा
महाप्रलय के बारे में अब तक लोगों ने किताबों और कहानियों में पढ़ा और सुना है. लेकिन, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा और जर्मनी के पोस्टडैम इंस्टीट्यूट फॉर क्लाइमेट इंपैक्ट रिसर्च के वैज्ञानिकों ने जो शोध पेश किया है, वह एक बार फिर महाप्रलय के आने की आशंका जाहिर कर रहे हैं. इसकी वजह प्राकृतिक नहीं, मानवजनित है. जी हां, हमने खुद उन परिस्थितियों का निर्माण किया है, जिससे हमारी...
More »क्लाइमेट चेंज की चपेट में छत्तीसगढ़, जल संकट और सूखे की मार
संदीप तिवारी, रायपुर। विकास के नाम पर जंगलों की अंधाधुंध कटाई, शहरीकरण और उद्योगों के प्रदूषण ने पर्यावरणीय संतुलन बिगाड़ दिया है। नतीजतन जलवायु परिवर्तन के कारण छत्तीसगढ़ में जलसंकट के साथ सूखे का खतरा मंडराने लगा है। इस साल बारिश कम होने से त्राहि-त्राहि मची है। आने वाले सालों में बारिश कम होने से अकाल पड़ने की चेतावनी दी गई है। तापमान बढ़ने से वन्य प्राणियों व आम आदमी...
More »धान की बालियां आते वक्त बारिश अटकी, निपटने सरकार के पास प्लान नहीं
रायपुर। छत्तीसग़ढ़ के किसानों ने कृषि विभाग के आकस्मिक प्लान पर भरोसा करके अर्ली वैरायटी का धान तो लगा लिया लेकिन अब वे खुद को फंसा हुआ महसूस कर रहे हैं। बारिश ऐसे वक्त पर रुकी है जब धान के बढ़ने का समय था। अब धान में बालियां आने का समय आ गया है लेकिन पानी नहीं मिलने के कारण पौधों की इतनी बढ़त ही नहीं हो पाई है कि...
More »