भारत दुनिया का सबसे बड़ा रासायनिक खाद आयातक देश है। यह विभिन्न देशों से करीब एक करोड़ टन यूरिया का सालाना आयात करता है। यह मात्रा देश में यूरिया की कुल खपत की एक तिहाई है। यूरिया का मुख्य अवयव प्राकृतिक गैस है, और भारत में इसकी उपलब्धता कम है, इसलिए इसके बड़े पैमाने पर आयात व दूसरे देशों पर निर्भरता की स्थिति लगातार बनी हुई है। लगभग एक दशक पहले,...
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नए संकट ज्यादा गंभीर हैं -- हिमांशु
पिछले साल की आखिरी शाम को दिया गया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का राष्ट्र के नाम संदेश उन ऊंचाइयों तक पहुंचने में नाकाम रहा, जिसका प्रचार किया गया था। लोग बीते 50 दिनों से कठिनाइयों का डटकर सामना कर रहे थे। इन दिनों वे कतारों में लगे रहे और अपनी खरीदारी भी कम की। मुश्किलों से राहत मिलने की उम्मीद वे मोदी के भाषण से लगा रहे थे। उन्हें यह भी...
More »हांकने की फांस, गेहूं बना ग्रास-- अनिल रघुराज
शरद पवार जैसे बहुरंगी कलाकार की जगह उन्नीस महीने पहले जब राधा मोहन सिंह को देश का कृषि मंत्री बनाया गया, तो आम धारणा यही बनी कि जमीन से जुड़े नेता होने के नाते वे कृषि अर्थव्यवस्था ही नहीं, किसानों के व्यापक कल्याण का भी काम करेंगे. संयोग से करीब सवा साल बाद मंत्रालय का नाम भी बदल कर कृषि व किसान कल्याण मंत्रालय कर दिया गया. लेकिन, उसके बमुश्किल...
More »डिजिटल भुगतान की समस्याएं-- विभाष
बड़े नोटों के विमुद्रीकरण के पश्चात और नये नोटों की आपूर्ति में आ रही समस्याओं के कारण डिजिटल भुगतान में एकाएक बढ़ोतरी हुई है. डिजिटल भुगतान को कानूनी जामा पहनाने तथा इसे सुगम और सुरक्षित बनाने के उद्देश्य से संसद द्वारा पेमेंट एंड सेटलमेंट एक्ट-2007 पारित किया गया है. इस अधिनियम में प्रदत्त अधिकारों के तहत भारतीय रिजर्व बैंक समय-समय पर बैंकों और अन्य रेगुलेटेड एंटिटीज के लिए दिशानिर्देश जारी...
More »गेहूं के कर-मुक्त आयात की नीति से मंडराते खतरे-- के सी त्यागी
केंद्र सरकार ने गेहूं के आयात पर लगने वाले ‘आयात शुल्क' को पूरी तरह से खत्म करने का फैसला किया है। यानी गेहूं के आयात पर अब तक लग रहे 10 फीसदी शुल्क को हटा लिया गया है। अब विदेशों से गेहूं आयात करने पर किसी तरह का ‘कर' नहीं लगेगा। कर-रहित आयात को मंजूरी मिल जाने से बाजार में विदेशों से आयातित सस्ते गेहूं की बहुतायत होगी, जिससे देश...
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