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स्वतंत्र-निष्पक्ष न्यायिक प्रक्रिया में बाधक-- अनूप भटनागर

कठुआ सामूहिक बलात्कार और हत्याकांड तथा उन्नाव बलात्कार कांड को लेकर खबरों में सबसे आगे रहने की होड़ में पीड़िता की पहचान सार्वजनिक करने जैसे मुद्दे पर मीडिया, विशेषकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, को एक बार फिर अदालत की फटकार सुननी पड़ी है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने कई मीडिया घरानों को तलब भी कर लिया है। बीते साल तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश जे.एस. खेहर ने आपराधिक मामले में संदिग्ध व्यक्तियों के मीडिया ट्रायल पर...

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फांसी से नहीं रुकेगा अपराध--- आकार पटेल

कठुआ और उन्नाव में जो कुछ भी हुआ, वैसी घटनाओं पर हमारे समाज को कैसी प्रतिक्रिया देनी चाहिए! विश्वभर में भारत इस बात को लेकर बदनाम है कि यहां यौन हिंसा के कारण महिलाएं अौर बच्चे असुरक्षित हैं. और, अगर यह सच नहीं है, तब भी ऐसी सोच बन चुकी है. ईमानदारी से खुद के भीतर झांकने और यह पूछने के लिए हमें विदेशी मीडिया का सहारा नहीं लेना चाहिए,...

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होनहारों को उनका हक चाहिए-- शशि शेखर

कर्मचारी चयन आयोग की प्रतियोगी परीक्षाओं में हुई धांधली परत-दर-परत खुलती जा रही है। यही हाल सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाओं में हुए गड़बड़झाले का है। इस तरह के पुराने मामले के अन्वेषण के अगुआ रहे एक अवकाश प्राप्त अधिकारी का मानना है कि यह ऐसी दलदल है, जिसमें जितना खोदो, उतना कीचड़ हाथ आएगा। देश के नौनिहालों के भविष्य से खिलवाड़ का यह सिलसिला पुराना है। एक आपबीती बताता हूं-...

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बिहार : परिजन कंधे पर ऑक्सीजन सिलिंडर लेकर PMCH से IGIS का लगाते रहे चक्कर, छह साल की बच्ची की मौत

पटना : पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक बार फिर शर्मसार करने वाली घटना सामने आयी है. अस्पताल प्रशासन की अनदेखी के चलते छह साल की एक बच्ची की मौत हो गयी. नाराज परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है. घटना के कारण बच्ची के परिजनों ने जम कर हंगामा भी किया. दरअसल पीएमसीएच के शिशु रोग वार्ड में अरवल जिले के रहने वाले जितेंद्र दास की छह...

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भय नहीं सम्मान बने पुलिस की ताकत-- विभूति नारायण राय

उत्तर प्रदेश के नोएडा में पिछले दिनों पुलिस ने फ्लैग मार्च के रूप में एक शक्ति प्रदर्शन किया। पुलिस को बल मानने वाले मध्य वर्ग को उसकी शक्ति देखकर खुशी होनी चाहिए थी और जैसा कि दावा किया जा रहा था, अपराधियों के मन में इस दृश्य से इतना भय पैदा होना चाहिए था और उन्हें अपनी जमानतें रद्द कराकर जेलों में दाखिल हो जाना चाहिए था। इनमें से कुछ...

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