भारतीय उद्योग जगत के एक हिस्से ने तो जोश के सारे रिकॉर्ड ही तोड़ दिए हैं। उद्योग जगत का यह जोश दहशत पैदा करने वाले तरीके से याद दिलाता है कि किस तरह पूंजीपति वर्ग के एक हिस्से ने 1930 के दशक में जर्मनी में हिटलर के उभार में मदद की थी। आज जब साल 2008 की आर्थिक मंदी के बाद से विश्व पूंजीवाद का संकट लगातार बना हुआ है,...
More »SEARCH RESULT
रुपये की मजबूती से कपास निर्यातक मुश्किल में
कम मार्जिन कपास के निर्यात सौदों में घट गया है मार्जिन ऐसे में निर्यात सौदे पहले की तुलना में घट गए हैं बढ़ेगी कीमत घरेलू बाजार में बढिय़ा क्वालिटी की कपास की कीमतों में तेजी आने की संभावना डॉलर के मुकाबले रुपये में आई मजबूती से कपास निर्यात सौदों में मार्जिन कम हो गया है। भारतीय मुद्रा मजबूत होकर अब 61.19 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर पहुंच गई है। हालांकि विदेशी बाजार में कपास की...
More »फरवरी में खाद्य तेलों का आयात 40% घटा
फरवरी महीने में खाद्य तेलों के आयात में 40 फीसदी की कमी आकर कुल आयात 5.78 लाख टन का ही हुआ है। चालू तेल वर्ष के पहले चार महीनों (नवंबर-13 से फरवरी-14) के दौरान खाद्य तेलों के आयात में 6 फीसदी की कमी आकर कुल आयात 34.96 लाख टन का ही हुआ है। सॉल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के अनुसार आयातित खाद्य तेलों के दाम ऊंचे थे, इसके मुकाबले घरेलू बाजार...
More »कृषि नीति और नीयत का संकट- अविनाश पांडेय समर
आंकड़ों की नजर से देखा जाये, तो भारतीय कृषि सहज बोध को धता बतानेवाली अजूबे सी दिखती है. कुछ इस तरह कि भारत की विकास दर के दहाई पार कर देश को अगली विश्व शक्ति बनाने के सपने दिखाने के ठीक बाद वैश्विक आर्थिक मंदी की चपेट में आते हुए ध्वस्त हो जाने पर कृषि क्षेत्र में सुधार ने ही संभाला था. और यह भी कि कुल आबादी के करीब 67...
More »सिर्फ लुभावनी बातों से नहीं- हरवीर सिंह
देश की दोनों बड़ी राजनीतिक पार्टियों, भाजपा और कांग्रेस, का मानना है कि आम आदमी के जीवन को बेहतर करने और गरीबी उन्मूलन का एक ही मंत्र है, वह है-ऊंची विकास दर। लेकिन इस समय आर्थिक विकास दर दशक के सबसे कमजोर दौर से गुजर रही है। मौजूदा वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के लिए विगत शुक्रवार को आए केद्रीय सांख्यिकी संगठन (सीएसओ) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, लगातार सातवीं...
More »