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हिंडन नदी में न प्राण बचे और न प्राणी

नोएडा। हिंडन नदी मुजफ्फरनगर, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद से गुजरते हुए गौतमबुद्ध नगर जिले के ग्रेटर नोएडा के पास तीलवाड़ा गाव से एक किलोमीटर आगे यमुना में समा जाती है। इसमें उद्योगों का केमिकल कचरा गिरने से इसका पानी जहर बन चुका है। इतना ही नदी में ऑक्सीजन की मात्रा शून्य के बराबर हो जाने से मछलियों और जीव जंतुओं का अस्तित्व भी समाप्त हो चुका है। यमुना की सहायक नदी...

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..तो ठहर जाएगी पॉपुलेशन

हम तेजी से बदल रहे हैं। फैशन, स्टाइल के साथ हमारी लाइफस्टाइल और खानपान का ढंग भी बदल गया। इन चेंजेंज को भले ही प्रोग्रेस का सिंबल माना जा रहा हो पर सच यह भी है कि इनकी हमें भारी कीमत चुकानी पड़ी है। रोजाना, पैदा हो रही हैं अनजानी, अनसुनी बीमारियां। इससे बढ़कर अब तो सिचुएशन यहां तक खराब हो गई है कि इंसान की बच्चे पैदा करने की...

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शहरों के बढ़ने से सामाजिक तनाव की आशंका- यूएन रिपोर्ट

शहरी आबादी के तेज विस्तार से दुनिया के कई बड़े शहरों में सामाजिक तनाव की स्थितियां पैदा हो रही हैं। संयुक्त राष्ट्रसंघ द्वारा जारी मानव बसाहट से संबंधित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अनियोजित मानव बस्तियों (यानी झुग्गी-झोपड़ी)  के अस्त-व्यस्त हालात शहरों में व्यापक स्तर पर हिंसा और अराजकता की स्थिति को जन्म दे सकते हैं। प्लानिंग सस्टेनेबल सिटीज-ग्लोबल रिपोर्ट ऑन ह्यूमन सेटेलमेंट-2009 नामक इस रिपोर्ट में कहा...

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धान खरीद की सीबीआई से जांच कराने की मांग

कुरुक्षेत्र. भारतीय किसान यूनियन ने खरीद एजेंसियों पर धान के भावों में किसानों के साथ हेराफेरी करने का आरोप लगाया है। जाट धर्मशाला में प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढुनी की अध्यक्षता में हुई बैठक में प्रदेश की मंडियों में खरीदे जा रहे धान खरीद की सीबीआई से जांच कराने की मांग की गई। गुरनाम सिंह ने कहा कि मंडियों में किसानों को धान का मूल्य 900 रुपए प्रति क्विंटल दिया गया...

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कोसी का कहर

कोसी का कहर अगस्त 2008 में बिहार के एक बड़े इलाके पर टूट पड़ा। कोसी को कभी बिहार का शोक कहा जाता था। जब यह नदी पूर्णिया जिले में बहती थी तब एक कहावत बड़ी चर्चित थी कि ‘जहर खाओ, न माहुर खाओ, मरना है तो पूर्णिया जाओ।’ इस नदी का यह स्वभाव था कि वह अपना रास्ता बदलती रहती थी। यह कब अपना रुख बदल लेगी, इसका अंदाजा लगाना...

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