नई दिल्ली [अंशुमान तिवारी]। कदम रुके थे, पैर में बंधा पत्थर तो जस का तस था। महंगाई गई कहां थी? अर्थव्यवस्था मंदी से निढाल होकर बैठ गई थी इसलिए महंगाई का बोझ बिसर गया था। कदम फिर बढ़े हैं तो महंगाई टांग खींचने लगी है। मुद्रास्फीति का प्रेत नई ताकत जुटा कर लौट आया है। मंदी के छोटे से ब्रेक के बीच महंगाई और जिद्दी, जटिल व व्यापक हो...
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मेवात में शिक्षा पर खर्च होंगे 10 करोड़
चंडीगढ़: मेवात विकास बोर्ड ने चालू वित्त वर्ष के कुल 18 करोड़ रुपये के बजट में से 10.65 करोड़ रुपये की राशि शिक्षा क्षेत्र के लिए निर्धारित की है। इसे बृहस्पतिवार को यहां हुई मेवात विकास बोर्ड की बैठक में मंजूर किया गया। हरियाणा के राज्यपाल जगन्नाथ पहाड़िया की अध्यक्षता में हुई बैठक में मेवात क्षेत्र में होटल प्रबंधन संस्थान, स्कूल ऑफ सांइस एंड मैथ्स स्थापित करने को भी स्वीकृति प्रदान...
More »दालों की खेती पर नहीं, आयात पर बढ़ाया खर्च
नई दिल्ली [सुरेंद्र प्रसाद सिंह]। दालों के आयात के लिए 5000 करोड़ रुपये और दलहन खेती के लिए औसतन सालाना केवल 500 करोड़ रुपये। समझा जा सकता है कि दालों की पैदावार क्यों नहीं बढ़ रही है। पिछले चार सालों में सरकार ने जितना धन दलहन की खेती के प्रोत्साहन के लिए दिया है, उससे दोगुना हर साल दालों के आयात पर खर्च होता है। जब खेती बेहतर करने में...
More »11वीं योजना में नौ फीसदी विकास दर की उम्मीद नहीं
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सरकार ने ग्यारहवीं योजना की मध्यावधि समीक्षा में नौ प्रतिशत विकास के औसत लक्ष्य को घटाकर 8.1 प्रतिशत कर दिया है। ग्लोबल मंदी के अर्थव्यवस्था पर व्यापक असर को देखते हुए इस लक्ष्य को कम किया गया है। विकास दर के घटे लक्ष्य वाली मध्यावधि समीक्षा के मसौदे को कैबिनेट ने भी मंजूरी दे दी है। अब इसे अंतिम मंजूरी के लिए राष्ट्रीय विकास परिषद की बैठक...
More »रोज बचा सकते हैं पांच अरब लीटर पानी
बागपत। हम चाहें तो रोज पांच अरब लीटर पानी की बचत कर बागपत की हरित धरती को रेगिस्तान में तब्दील होने से बचा सकते हैं, मगर खेतों की सिंचाई को स्प्रिंकलर सिस्टम अपनाना पड़ेगा। ऐसा हो तो फसलों की उत्पादकता भी बढ़ जाएगी। बस! जरुरत है इच्छा शक्ति और लोगों को जागरूक करने की। बागपत कृषि प्रधान जिला है जहां 1.10 लाख हेक्टेयर भूमि पर खेती की जाती है। सबसे ज्यादा भूजल का अति...
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