नई दिल्ली। लगातार महंगे हो रहे पेट्रोल-डीजल ने लंबे अरसे से ठंडी पड़ी महंगाई की आग को सुलगाना शुरू कर दिया है। हाल यह है कि अप्रैल में पेट्रोल-डीजल, फल और सब्जियां महंगे होने से थोक महंगाई दर बढ़कर 3.18 प्रतिशत हो गयी है जो चार माह के उच्चतम स्तर पर है। इसी तरह अनाज, मीट, मछली और फलों की कीमत बढ़ने से खुदरा महंगाई भी गिरावट के रुख को...
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बैंकिंग व्यवस्था में सुधार जरूरी-- अश्विनी महाजन
पिछले दिनों खबर आयी कि बीते पांच साल के दौरान भारत में 23 हजार बैंक धोखाधड़ियां हुईं, जिसके चलते एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की धनराशि फंस गयी है. निश्चित रूप से इसका असर हमारी अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा और बैंकिंग व्यवस्था पर तो यह असर दिख भी रहा है. आज बैंक ही वित्तीय मध्यस्थता का स्रोत हैं. ऐसे लोग जिनके पास अतिरिक्त पैसा होता है, चाहे वे गृहस्थ हों,...
More »नियंत्रण मुक्त हो प्रतिभा प्रवाह-- जयंतीलाल भंडारी
इस समय अमेरिका और दुनिया के कई विकसित देशों में भारत के पेशेवरों (प्रोफेशनल्स) की वीजा संबंधी कठोरता के कारण मुश्किलें और चिंताएं बढ़ती जा रही हैं. खासतौर से अमेरिका में सरकार की 'बाय अमेरिकन, हायर अमेरिकन' नीति के तहत नयी-नयी वीजा संबंधी कठोरता भारतीय हितों को नुकसान पहुंचाते हुए दिखाई दे रही है. बीते 24 अप्रैल को अमेरिकी सरकार ने एच-1बी वीजाधारकों के जीवनसाथियों के लिए कार्य परमिट के...
More »बुजुर्गों की बदहाली-- मणींद्र नाथ ठाकुर
कहा जा रहा है कि दुनिया अब बूढ़ी हो रही है. पचास के दशक की तुलना में 21वीं शताब्दी में साठ साल से ऊपर की उम्र के लोगों की संख्या तीन गुनी ज्यादा हो जायेगी. भारत में भी लगभग आठ प्रतिशत जनसंख्या साठ से ऊपर है, बिहार जहां अपेक्षाकृत युवा ज्यादा हैं, वहां भी यह प्रतिशत सात से कम नहीं है. लेकिन दुनिया के विकसित देशों की तरह भारत में...
More »श्रम के भूमंडलीकरण की जरूरत-- कृष्णप्रताप सिंह
विडंबना देखिए कि भूमंडलीकरण के भरपूर व्याप जाने के बावजूद दुनिया के कई देशों में मजदूर दिवस सरकारी छुट्टी का दिन है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के संस्थापक सदस्य भारत में नहीं. ऐसा क्यों है? दरअसल, 19वीं शताब्दी के नौवें दशक तक मजदूर अत्यंत कम व अनिश्चित मजदूरी पर सोलह-सोलह घंटे काम करने को अभिशप्त थे. सन् 1810 के आसपास ब्रिटेन में उनके सोशलिस्ट संगठन ‘न्यू लेनार्क' ने राबर्ट ओवेन...
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