विश्व बैंक की प्रबंध निदेशक क्रिस्टीना लेगार्ड ने हाल ही में रहस्योद्घाटन किया है कि भारत के अरबपतियों की दौलत पिछले 15 बरस में बढ़कर 12 गुना हो गई है। गौरतलब है कि यह वही दौर है जब भारत में आर्थिक उदारीकरण की शुरुआत हुए चंद साल ही हुए थे। उदारीकरण के दो दशक बाद शहरी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के बीच का फासला लगातार बढ़ता ही नहीं जा रहा बल्कि...
More »SEARCH RESULT
जिस खेत पर उतरा था सीएम का हेलिकॉप्टर उस किसान की मौत
डबरा-भितरवार। ओला पीड़ित जिस किसान के खेत में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का हेलिकॉप्टर उतरा था, उसने गुरुवार को इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। परिजन का कहना है कि ओलावृष्टि के बाद से किसान देवेन्द्र शर्मा सदमे में थे। वे बुधवार को खेत पर फसल देखने गए थे, तभी अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई। इसके बाद परिजन ने उन्हें इलाज के लिए ग्वालियर के जेएएच में भर्ती कराया था। जिले...
More »प्रतिष्ठा का प्रश्न बना भूमि अधिग्रहण विधेयक - परंजॉय गुहा
मोदी सरकार का भू-अधिग्रहण अध्यादेश 5 अप्रैल को समाप्त हो रहा है और सरकार ने पुन: अध्यादेश लाने का निर्णय किया है। यह एक बहुत बड़ा राजनीतिक जुआ है। चूंकि राजग के पास राज्यसभा में बहुमत नहीं है, इसलिए पूरी संभावना है कि जब यह अध्यादेश विधेयक की शक्ल में वहां जाएगा, तो निरस्त हो जाएगा। ऐसे में सरकार के पास संसद का संयुक्त सत्र बुलाने के सिवा कोई और...
More »एग्री इक्विपमेंट इंडस्ट्री पर बारिश ने फेरा पानी, 30 फीसदी तक घट सकती है सेल्स
नई दिल्ली। फरवरी, मार्च के दौरान हुई बेमौसम बारिश सिर्फ किसानों के लिए ही नहीं बल्कि एग्री इक्विपमेंट कारोबार के लिए भी बड़ी मुश्किल लेकर आई है। उत्तरी और उत्तर पश्चिमी भारत में हुई बेमौसम बारिश के बाद खड़ी हुई मुश्किल के चलते इंडस्ट्री को इस साल बिक्री में जबर्दस्त गिरावट आने की आशंका है। कृषि यंत्र कारोबारियों के अनुसार पंजाब, हरियाणा, यूपी, एमपी, राजस्थान, उत्तराखंड कुल बिक्री में करीब...
More »उनके हिस्से की जमीन- नीलांजन मुखोपाध्याय
इतिहास उलट कर देखें, तो जमीन झगड़ा-फसाद का एक बहुत बड़ा कारण रही है। जब जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया अस्तित्व में नहीं आई थी, और रीयल एस्टेट व छोटे प्रॉपर्टी डीलरों द्वारा जमीनों की बिक्री का चोखा धंधा नहीं पनपा था, तब जमीन सांस्कृतिक वस्तु थी और परंपरा से जुड़ी थी। बड़े शहरों में काम करने और होली-दिवाली जैसे त्योहारों पर अपने पैतृक गांवों में जाने वाले असंख्य लोग अब...
More »