संयुक्त राष्ट्र संघ के जलवायु परिवर्तन सम्मेलनों की शुरुआत जहां दुनिया भर के राजनेताओं, पर्यावरणविदों और वैज्ञानिकों के लिए पिघलते हुए ग्लेशियर, जलस्तर बढ़ते महासागरों, धसकते पहाड़ों, बदलते मौसम और गर्म होती धरती की चिंताओं का केंद्र थी, वहीं कोपेनहेगन और कानकुन तक पंहुचते यह चिंता विकसित दुनिया के हितों को साधने की कूटनीतिक चालों को पूरा करने के साधन स्थलों में बदल चुकी थी। अंततोगत्वा इस नीले ग्रह को बचाने...
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किसानों को 5 हजार करोड़ का कर्ज बांटेगी सरकार
जागरण ब्यूरो, भोपाल। राज्य की सहकारी बैंकों के जरिए इस वर्ष 2010-11 में किसानों को 5 हजार करोड़ रूपए का अल्पावधि ऋण बांटने का लक्ष्य रखा गया है। सहकारिता मंत्री गौरीशंकर बिसेन ने बताया कि अब तक सूबे के 25 लाख से अधिक किसानों को रबी और खरीफ फसलों के लिए 3 प्रतिशत ब्याज पर 4 चार हजार 800 करोड़ रूपए से अधिक का अल्प अवधि ऋण दिया गया है। ...
More »हाथी पांव रोग के फैलने से गांवों में हैं दहशत
ग्वालियर, जागरण संवाददाता। दतिया जिला प्रदेश के उन जिलों में से एक है, जहां के गांवों में अभी भी फायलेरिया से पीड़ित लोगों की संख्या हजारों में हैं। स्वास्थ्य विभाग भी ंवर्ष में एक बार मरीजों की सुध लेता है, बाकी समय जागरूकता बढ़ाने का काम नहीं हो पाता है। फायलेरिया जैसी बीमारी क्यूलेक्स नामक विशेष प्रजाति के मच्छर के काटने से होती है। चूंकि बीमारी संक्रामक है,...
More »अस्वस्थ बच्चे अस्वस्थ देश के भविष्य
भारत के महापंजीयक की "भारत में मृत्यु के कारण" शीर्षक से जारी रिपोर्ट के अनुसार पाँच साल से कम आयु के करीब आधे बच्चों का वजन सामान्य से कम है और इसका कारण कुपोषण है। ऋतु सारस्वत स्वास्थ्य और मानव विकास एक-दूसरे से घनिष्ठ रूप से जुड़े हुए हैं और यदि स्वास्थ्य का प्रश्न बच्चों से जुड़ा हुआ हो, तो यह और अधिक संवेदनशील विषय हो जाता है। हाल ही में...
More »कमजोर महिलाओं की ताकत बना एक बैंक- आशीष कुमार अंशु
वनिता जालिन्दर पीसे आज से कुछ साल पहले लोन के लिए बैंकों के चक्कर लगा रही थीं। बैंकों की औपचारिकता ओं और पेपर वर्क की वजह से उन्हें लोन नहीं मिल पा रहा था। निराश होकर वह घर बैठ गईं। उन्होंने लोन की आशा ही छोड़ दी। तभी एक दिन मानदेसी महिला संगठन के कुछ लोग उनके पास आए और उन्हें आसान शर्तों पर लोन मिल गया। वर्ष 2003 में उन्होंने...
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