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शोध:सफाई का रिश्ता बच्चों की लंबाई और बुद्धिमत्ता से

भारत और उप-सहारीय अफ्रीका में मौजूद कुपोषण की तुलनात्मक व्याख्या के लिए अर्थशास्त्र के कुछ जानी-मानी हस्तियों के बीच बहस इस बात पर उलझी है कि आणुवांशिक बनावट इसके लिए किस कोण से जिम्मेदार है। इसी बीच सार्वजनिक स्वास्थ्य-विशेषज्ञ और दिल्ली स्कूल ऑव इकॉनॉमिक्स के विजिटिंग फैलो डीन स्पीयर्स ने इस बात के सबूत जुटाये हैं कि साफ-सफाई की कमी और खुले में शौच करने का रिश्ता कुपोषण और उच्च...

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राज्य में मिड डे मील की हो रही जांच

कोलकाता: बिहार के छपरा में हुई घटना के बाद राज्य सरकार की आंखों की नींद भी खुल गयी है. राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में मिड डे मील की गुणवत्ता की जांच के लिए राज्य सरकार ने छह संस्थाओं का चयन किया है. ये संस्थाएं विभिन्न जिलों में अपने अभियान में भी जुटी गयी हैं. इनमें कलकत्ता यूनिवर्सिटी, यादवपुर यूनिवर्सिटी, विश्व भारती यूनिवर्सिटी, अमर्त्य सेन की प्रतिचि ट्रस्ट, इंडियन काउंसिल ऑफ...

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बदलते बिहार में मिड-डे मील- अश्विनी कुमार

मिड-डे मील से बच्चों की मौत ने न केवल देश की अंतरआत्मा को झकझोरा है, बल्कि बिहार में सुशासन व चमत्कारिक विकास की कमजोर नींव को भी उजागर किया है. पहले बगहा में 6 थारू आदिवासियों की पुलिस फायरिंग में मौत, फिर बोधगया आतंकी हमले के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने राजनीतिक जीवन में नौकरशाही के सहारे शासन चलाने के आरोप से बचने के लिए संभवत: सबसे कठिन हालात का...

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अन्ना हजारे जी.एम. फसल बिल संसद में पारित होने से रोकने की पहल करें

भोपाल : किसान-कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री डा. रामकृष्ण कुसमारिया ने सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे से अनुरोध किया है कि वे एग्रीकल्चर बायो सिक्योरिटी बिल तथा बायो टेक्नालाजी अथारिटी आफ इण्डिया जैसे बिल संसद में पारित होने से रोकने की पहल करें. कुसमरिया ने अन्ना हजारे को लिखे एक पत्र में कहा है कि इन बिलों के पारित होने से देश में जी.एम. फसलों को पिछले दरवाजे से लाने से किसानों...

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कहां पहुंची यह मूक क्रांति!- कमल नयन चौबे

प्रसिद्ध राजनीतिशास्त्री क्रिस्टोफ जेफरलॉट ने अपने लेख ‘कास्ट एंड राइज ऑफ माजिर्नलाइज्ड ग्रुप्स' में राजनीतिक रूप से शक्तिशाली रही अभिजन जातियों के वर्चस्व को चुनौती देते हुए मध्यवर्ती जातियों के उभार को सत्ता के हस्तांतरण के तौर पर देखा है और इसे एक मूक क्रांति की संज्ञा दी है.   लेकिन क्या यह मूक क्रांति वास्तव में अपने लक्ष्यों को लेकर आगे बढ़ रही है? क्या जाति आधारित राजनीति में साधन यानी...

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