हालांकि नई फसल बीमा योजना को प्रधानमंत्री ने "किसान की सारी मुसीबतों का समाधान" बताया है लेकिन लगातार दो दफे सूखे की चपेट में आई खेतिहर अर्थव्यवस्था की मौजूदा बदहाली नये बजट में फौरी तौर पर विशेष उपाय करने की मांग करती है.(देखें प्रधानमंत्री का भाषण) एक ऐसी स्थिति में जब कृषिगत सकल घरेलू उत्पाद में लगातार दो वित्तवर्षों (2014-15 में -2%, 2015-16 में 1.1%) में बड़ा मामूली इजाफा हुआ हो,...
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युवा, लाभांश और देश का भविष्य- संदीप मानुधने
देश में कहीं भी जाइये, चारों ओर अगर चुनौतियों के अलावा कोई और चीज साफ नजर आयेगी, तो वह है युवा! हर युवा की आंखों में एक चमक है- कोई अपना स्टार्टअप करके देश बदलने का स्वप्न देख रहा है (आखिर इस साल की ताजतरीन मिठाई जो ठहरी!), कोई विदेश जाने का (इतनी अच्छी लाइफ यहां कैसे मिलेगी!), तो कोई आइएएस बन कर प्रशासनिक क्रांति लाने का सपना देख रहा...
More »मध्यप्रदेश- राज्यपाल के अभिभाषण में गेहूं उत्पादन में देश का दूसरे नंबर का राज्य बताया
भोपाल। विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत राज्यपाल के अभिभाषण के साथ आज हुई। अभिभाषण में सरकार ने अपनी उपलब्धियां गिनाते हुए बताया है कि किसान की कड़ी मेहनत और सरकार के प्रयासों के कारण आज गेहूं उत्पादन में मध्यप्रदेश देश का दूसरे नंबर का राज्य बन गया है। इसके अलावा औषधियों, अमरूद, लहसुन में पहले और संतरा, मटर, प्याज, धनिया उत्पादन में देश का तीसरे नंबर राज्य बन चुका...
More »बिहार-- गांव—गांव तक पहुंचेगी गाड़ियां, घर बैठे किसान बेचेंगे दूध
पटना: पशुपालन किसानों के आय का जरिया हैं। खेती किसानी करने वालों की नकद आमदनी का जरिया है दुग्ध उत्पादन। इसे आमदनी कहें या क्रांति इससे बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ता। मूल बात है कि किसान जो दूध तैयार करते हैं, उन्हें उनका सही मूल्य मिले। बाजार उपलब्ध हो। और इसी बाजार को किसानों के द्वार तक लाने के लिए अब बिहार सरकार ने प्रयास शुरू कर दिया है बिहार...
More »देशप्रेम और देशद्रोह के बीच बजट-- पुष्पेश पंत
किसी भी सरकार के लिए बजट बनाना अौर उसे पास कराना एक बड़ी चुनौती होती है. यदि यह वित्तीय विधेयक पास नहीं होता, तो इसे सदन के विश्वास का अभाव समझा जाता है अौर सरकार गिर सकती है. अगर बजट पास भी हो जाये अौर उसके प्रावधानों से जनता में असंतोष फैलता है, तब भी किसी सरकार के लिए अपने जनाधार को बरकरार रखना कठिन होता जाता है. हर नयी...
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