वाराणसी, [राकेश चतुर्वेदी]। बाग-बाग बौराए, मंजर-मंजर मंजरी। नथुनों में समाती एक मादक गंध और सपनों का तनता हुआ एक आकाश। बौराए हुए आम के दरख्तों की आत्मकथा। किसे अच्छा नहीं लगता- फलों का होना व उनका इतराना। पूर्वी उत्तर प्रदेश की माटी में इन दिनों आम की बौराई हुई गंध लोगों को मदमस्त किए हुए है। कोई ऐसा कोना नहीं है जो आम की सुगंध से सुवाषित न हो। आम की एक-एक दरख्त में ऐसे असंख्य...
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बड़े सपनों की पाठशाला का नन्हा हेडमास्टर
16 साल के बाबर अली का स्कूल बताता है कि बड़े काम बड़ी उम्र के मोहताज नहीं होते. सम्राट चक्रबर्ती की रिपोर्ट(तहलका (हिन्दी) से साभार) प. बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में स्थित बेल्डांगा रेलवे क्रॉसिंग के आस-पास शायद ही ऐसा कुछ हो जो आपको खास लगे. लेकिन कोलकाता से हमारी पांच घंटे की बस यात्रा की मंजिल यहीं थी. मार्क्सवादी सपने दिखानेवाले और शादीशुदा दंपत्तियों की निजी समस्याओं के समाधान...
More »जनेश्वर मिश्र नहीं रहे
इलाहाबाद। छोटे लोहिया के नाम से विख्यात समाजवादी नेता जनेश्वर मिश्र का शुक्रवार को देहावसान हो गया। 77 वर्षीय मिश्र ने अपनी कर्मस्थली इलाहाबाद में अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर पर बेली रोड स्थित भतीजे के आवास पर सभी दलों के कार्यकर्ता श्रद्धांजलि देने के लिए उमड़ पड़े। शनिवार दोपहर संगम के पास उनकी उनकी अंत्येष्टि की जाएगी। उत्तार प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती और राज्यपाल बीएल जोशी ने मिश्र के निधन पर शोक जताया...
More »जनेश्वर से छोटे लोहिया तक का सफर
इलाहाबाद । बलिया के बैरिया क्षेत्र के शुभनथहीं गांव में 5 अगस्त 1933 को जन्मे जनेश्वर मिश्र का राजनैतिक कैरियर इलाहाबाद में ही शुरू हुआ। वह इंटरमीडिएट की पढ़ाई कर वर्ष 1953 में यहां आए। किसान रंजीत मिश्र के दो पुत्रों में बड़े जनेश्वर शुरू से ही सोशलिस्ट विचारधारा से प्रभावित हो गए थे और फिर सोशलिस्टों के साथ ही रहें। चार दशक तक भारतीय राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाने वाले जनेश्वर मिश्र ने देश...
More »निर्भर नहीं, आत्मनिर्भर !- मिहिर शाह
राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (नरेगा) क्रांतिकारी जनपक्षधर विकास कार्यक्रमों का वायदा करती है। ग्राम सभा और ग्राम पंचायतों द्वारा उसकी योजना, क्रियान्वयन और जांच-परख से हजारों स्थायी रोजगार पैदा हो सकते हैं। लेकिन नरेगा की लड़ाई बरसों से चले आ रहे एक बुरे अतीत के साथ है। पिछले साठ सालों से ग्रामीण विकास की योजनाएं राज्य की इच्छा और सदाशयता पर ही निर्भर रही हैं। श्रमिकों को दरकिनार करने वाली मशीनों और ठेकेदारों को काम...
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