गुवाहाटी। कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के लिए कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं लेकिन शायद ही किसी ने सोचा हो कि यह पूर्व जन्म के पापों की वजह से होती है। कोई और इस बात को माने या ना माने लेकिन असम के स्वास्थ्य मंत्री का तो यही मानना है। दरअसल राज्य के मंत्री हेमत बिस्वा ने कैंसर को लेकर दिए अपने बयान में कहा है कि कैंसर होना या एक्सिडेंट...
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संपत्ति में स्त्री के हिस्से की हकीकत-- प्रदीप श्रीवास्तव
महिलाओं को निजी संपत्ति में हिस्सा देने की बहस काफी पुरानी है। हमारे देश में स्वतंत्रता संग्राम के साथ ही यह बहस तेज हो गई थी। ब्रिटिश राज और उससे आजादी के बाद समय-समय पर कानून बनाए गए हैं, जो महिलाओं को निजी संपत्ति का अधिकार तो देते हैं, लेकिन समाज में पुरुष प्रधान सोच के कारण कानून पंगु बना रहा। वर्तमान समय में फैक्टरी, कार्यालय, खेत या घर- हर...
More »शेल कंपनियां और भ्रष्टाचार की कहानी - 1/ हरिवंश
यह महज संयोग था, दक्षिण से दिल्ली लौटा था. शेल कंपनियां की खबरें, पहली बार पढ़ा-सुना. एक चार्टर्ड एकाउंटेंट मित्र से बुनियादी जानकारी ली. समझा. इस विषय को राज्यसभा में उठाने के लिए शून्यकाल में नोटिस दिया. दो-बार. अंतत: स्वीकृत हुआ. उपराष्ट्रपति जी (तत्कालीन) से मिल कर विषय का महत्व बताया. शायद, राज्यसभा में इस विषय पर तब यह पहली चर्चा थी. 22 मार्च 2017 को शून्यकाल में उसे उठाने...
More »शेल कंपनी कथा दूसरी कड़ी : काले धन के खिलाफ जंग राजधर्म है-- हरिवंश
राजनीति विचारधारा या भावना से चलती है और अर्थनीति शुद्ध स्वार्थ की नीितयों से. पिछले 60-70 वर्षों में एक तरफ राजनीति में भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक जंग की बात भारत में बार-बार हुई, तो दूसरी तरफ भ्रष्ट ताकतों ने आर्थिक नियमों, कंपनी कानूनों को ऐसा बनाया कि भ्रष्टाचार की जड़ें लगातार मजबूत होती गयीं. शेल कंपनियां ऐसे ही कंपनी कानूनों की उपज हैं, पर आश्चर्य यह है कि 60-70 वर्षों...
More »आर्थिक सुधारों की कठिन राह पर-- एन के सिंह
आर्थिक फैसले पूरी स्फूर्ति से लिए जा रहे हैं। भले ही अभी हम नोटबंदी और जीएसटी की बहस में उलझे हुए हों, मगर हाल ही में सरकार ने अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकने के लिए कई आर्थिक उपायों की घोषणा की है। ये कई लक्ष्यों को हासिल करने के इरादे सेप्रेरित हैं। एक कहावत है कि बुराई को मजबूती तब मिलती है, जब हम कोई फैसला नहीं कर पाते या दूसरों...
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