‘पहले शौचालय तब देवालय'- परस्पर प्रतिस्पर्धी खेमों के दो राजनेता, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश कम से कम एक बात पर सहमत हैं। और इसी सोच के अनुकूल दोनों ने अपने तईं युद्धस्तर पर शौचालय के निर्माण के लिए निवेश की योजना बनायी। लेकिन, प्रोफेसर डीन स्पीयर्स के नेतृत्व में नामचीन अर्थशास्त्रियों के एक समूह द्वारा प्रस्तुत अध्ययन का निष्कर्ष है कि नये शौचालयों का...
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किताबों की जगह हाथ में झाड़ू, बेटियों को करनी पड़ती है सफाई
सीकर. शिक्षा विभाग की डाइस डाटा रिपोर्ट में सरकारी शिक्षा के चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में पहली कक्षा में दाखिला लेने वाले 100 स्टूडेंट्स में से केवल 27 ही 12वीं की पढ़ाई पूरी कर पा रहे हैं। बाकी 73 स्टूडेंट्स बीच में पढ़ाई छोड़ देते हैं। इसके पीछे बड़ी वजह है सीनियर सैकंडरी स्कूलों और शिक्षकों की कमी। राजस्थान में पहली से पांचवीं कक्षा...
More »डॉक्टरों से लिया जाएगा 50 लाख का बॉण्ड
जयपुर,सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए राजस्थान सरकार अब डॉक्टरों से 50 लाख रूपए का बॉण्ड लेगी। यह बॉण्ड उन डॉक्टरों से लिया जाएगा जो सरकारी सेवा में रहते हुए डॉक्टरी में स्नातकोत्तर यानी पीजी करते है। इन डॉक्टरों को अब पीजी करने के बाद कम से कम पांच साल तक सरकारी सेवा में रहना होगा। राजस्थान में मेडिकल में पीजी करने वालों में सरकारी डॉक्टरों...
More »खस्ताहाल स्कूली शिक्षा से संकट में छात्रों का भविष्य
इंदौर के पास स्थित देपालपुर में स्कूली शिक्षा के नाम पर सरकारी खानापूर्ति सामने आई है। इस विकासखंड में ऐसे कई स्कूल हैं, जो एक ही शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं। यह खबर एक तरह से पूरे देश की निराशाजनक तस्वीर पेश करती है। 12 लाख शिक्षकों की कमी है देशभर में 50 प्रतिशत स्कूलों साफ पीने की सुविधा नहीं ...
More »142 स्कूलों में बच्चे नहीं, फिर भी लगे हैं टीचर
नईदुनिया ब्यूरो, जयपुर। राजस्थान में सरकारी स्कूलों में बच्चों के नामांकन और टीचरों की नियुक्ति के बारे में एक अजीब बात सामने आई है। प्रदेश के 142 प्राथमिक विद्यालय ऐसे है जहां एक भी बच्चा नहीं है, लेकिन 251 टीचर इन स्कूलों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इसके अलावा 28 हजार प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में बच्चों की संख्या 30 से भी कम है। राज्य के सरकारी स्कूलों की...
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