एक मर्दाना संसद में एक स्त्री की एेतिहासिक, नाटकीय, भावुक हुंकार से देश कुछ वक्त सकते में आ गया. संसद में मौजूद नये-पुराने खिलाड़ियों को यह दांव स्तब्ध कर गया और जनता को अभिभूत. माननीय मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी की इस बाजी से खेल पलटा तो नहीं, तथ्यात्मक गलतियां भी बाद में सामने आयीं. लेकिन, संसद में स्त्री राजनेता के व्यवहार को लेकर जेहन में बहुत सारे सवाल जरूर उठे....
More »SEARCH RESULT
ममता के पश्िचम बंगाल में मुस्लिमों की स्थिति खराब : अमर्त्य सेन
कोलकाता। पश्चिम बंगाल के ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाले 80 फीसद मुस्लिम परिवार सिर्फ पांच हजार रुपए प्रतिमाह की मासिक आय पर अपना जीवन गुजारने को मजबूर हैं। यह आबादी गरीबी रेखा के नीचे खड़ी है। इनमें से भी करीब 38.3 फीसद सिर्फ 2500 रुपए प्रतिमाह ही कमा पाते हैं, जो पांच लोगों के एक परिवार के आधार पर गरीबी रेखा का आधा भर है। यह अध्ययन 325 गांवों और...
More »पर्यावरण के नाम पर जीवनशैली पर डाला असर- राघवेन्द्र नारायण सिंह
पर्यावरण संरक्षण की दुहाई देकर सभी तरह की कारों पर अतिरिक्त टैक्स का बोझ डाला गया है लेकिन इससे जीवनशैली पर खासा असर पड़ने वाला है। अमीरों के साथ-साथ मध्यम वर्ग पर भी चपत लगाई गई है। छोटी कार अब मध्यम वर्ग की जरूरतों में शुमार है। बैंक ऋण को आसान बनाकर पहले इसे सुलभ बनाया गया और अब इसकी कीमत में बढ़ोतरी कर सरकार मध्यम वर्ग पर बोझ डालने की...
More »ग्रामीण भारत को ‘मेगा पुश’- प्रमोद जोशी
मोदी सरकार ने चार राज्यों के चुनाव के ठीक पहले राजनीतिक जरूरतों का पूरा करनेवाला बजट पेश किया है. इसमें सबसे ज्यादा जोर ग्रामीण क्षेत्र, इंफ्रास्ट्रक्चर, रोजगार और सामाजिक कल्याण के कार्यक्रमों पर है. राजकोषीय घाटे को 3.5 प्रतिशत रखने के बावजूद सोशल सेक्टर के लिए धनराशि का इंतजाम किया गया ोहै. अजा-जजा उद्यमियों के लिए प्रोत्साहन कार्यक्रम भी इसका संकेत देते हैं. बजट का संदेश है कि अमीर ज्यादा...
More »एक अच्छी खबर बाल-मृत्यु के मोर्चे से
बच्चों के जन्म और पोषण के मोर्चे से एक अच्छी खबर आई है. नये आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि वर्ष 2004-06 से 2010-13 के बीच 1 साल से कम उम्र में काल-कवलित होने वाले बच्चों की संख्या में कमी आई है. नये आंकड़े भारत के महारजिस्ट्रार एवं जनगणना आयुक्त कार्यालय के हैं. इन आंकड़ों में 2010-13 के बीच सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम के जरिए दर्ज मौतों को आधार बनाया गया...
More »