नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में तेज गिरावट से देश की क्रेडिट प्रोफाइल बिगड़ने की आशंका पैदा हो गई है। साथ ही देश पर विदेशी कर्ज का बोझ भी बढ़ रहा है। तेल कंपनियों की मांग और सोमवार को भी रुपया लुढ़कते हुए 59.83 तक जा पहुंचा। मगर बाद में बैंकों की ओर से डॉलर की बिक्री ने हालात सुधारे और एक डॉलर की कीमत...
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उत्तराखंड के सबक- रोहित जोशी
जनसत्ता 21 जून, 2013: पिछले सालों में बरसात का मौसम उत्तराखंड के लिए तबाही का मौसम साबित हुआ है। अबके मानसून की पहली बारिश ही उत्तरकाशी, केदारनाथ, रुद्रप्रयाग, चमोली, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा और बागेश्वर में बादल फटने, बाढ़ और भूस्खलन का मंजर लेकर आई है। जबकि अभी बरसात का पूरा मौसम बाकी है। यों तो आंख मूंद कर इन आपदाओं को सिर्फ प्राकृतिक माना जा सकता है और आपदा-राहत में...
More »आपदा का खोखला प्रबंधन!
उत्तराखंड में प्रकृति की विनाशलीला शायद कम हो सकती थी, अगर समय रहते इससे निबटने के लिए जरूरी इंतजाम कर लिये गये होते. लेकिन सीएजी की रिपोर्टो और नागरिक समाज द्वारा दी जानेवाली चेतावनियों के बावजूद भी सरकार नहीं चेती. कैसे काम करता है हमारा आपदा प्रबंधन तंत्र, आपदाओं का सफलतापूर्वक सामना करने में क्यों चूक जाते हैं हम, बता रहा है नॉलेज.. ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि हमलोग...
More »गांवों में महज 17 रुपए में गुजर-बसर कर रहे हैं गरीब : एनएसएसओ
नई दिल्ली. गांवों में रहने वाले सबसे ज्यादा गरीब लोग हर रोज औसतन 17 रुपए खर्च करते हैं। वहीं शहरों में सबसे गरीब 23 रुपए के खर्च पर दिन निकालते हैं। यह आंकड़े नेशनल सैंपल सर्वे ऑर्गनाइजेशन (एनएसएसओ) ने गुरुवार को जारी किए हैं। नए आंकड़ों के अनुसार, सबसे कम खर्च करने वाली पांच फीसदी आबादी का प्रतिव्यक्ति मासिक खर्च गांवों में 521.44 रुपए है। जबकि शहरों में 700.50...
More »रोजगारपरक शिक्षा- राह भूले थे कहां से हम...
सरकार का लक्ष्य साल 2022 तक 50 करोड़ लोगों को रोजगारपरक शिक्षा देने का है। क्या यह लक्ष्य देश के ग्रामीण अंचल में मौजूद जीविका के संकट के समाधान से प्रेरित है? और, क्या यह लक्ष्य देश की श्रमशक्ति की वास्तविक जरुरतों से मेल खाता है? रोजगारपरक शिक्षा की जरुरतों के तहत नए शिक्षा आयोग के गठन कीकवायद और इसी तर्क के सहारे एक मशहूर केंद्रीय विद्यालय विश्वविद्यालय द्वारा पाठ्यक्रम में...
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