भागलपुर : मानसून से आस लगाये किसान इस बार अपेक्षा के अनुरूप धान की उपज नहीं कर पायेंगे. समय से बारिश नहीं होने की वजह से एक अनुमान के मुताबिक लगभग 25 करोड़ रुपये मूल्य के धान की पैदावार नहीं हो पायेगी. कृषि विभाग का अनुमान था कि इस बार 1.25 लाख मीट्रिक टन (12 लाख 50 हजार क्विंटल) की उपज होगी. लेकिन समय पर बारिश नहीं होने से ढाई लाख क्विंटल...
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उत्तर प्रदेश में लगेंगे आलू आधारित उद्योग
सरकार ने आलू किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य दिलाने के लिए प्रदेश में आलू आधारित उद्योग लगवाने की पहल शुरू की है। सरकार की कोशिश है कि उ.प्र. में हो रहे 30 से 40 लाख टन अतिरिक्त आलू को उद्योगों में खपाया जा सके। जिससे बाजार में इसका दाम स्थिर रहे और किसानों को नुकसान न उठाना पडे़। इस सिलसिले में कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक रंजन ने बड़े व...
More »महंगाई रोकने के लिए बनेगा कानून
कोलकाताः राज्य सरकार सब्जियों जैसी जरूरी चीजों के बढ़ते दाम पर नियंत्रण के लिए नया प्रभावी कानून बनाने पर विचार कर रही है. बेतहाशा मूल्यवृद्धि रोकने के लिए मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव गौतम सान्याल की अध्यक्षता में 11 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है. पुलिस व इंफोर्समेंट ब्रांच (प्रवर्तन शाखा) को दलालों पर निगरानी रखने व उनकी धरपकड़ का निर्देश दिया गया है. मुख्यमंत्री ने खाद्य मंत्री अरूप राय, बंगाल और कोलकाता...
More »जमीन पक रही है- भारत डोगरा
जनसत्ता 23 जून, 2012: अगर हमारे देश में ग्रामीण निर्धन वर्ग और विशेषकर भूमिहीन वर्ग को टिकाऊ तौर पर संतोषजनक आजीविका मिले इसके लिए भूमि-सुधार बहुत जरूरी है। इसके अलावा, अन्यायपूर्ण भूमि अधिग्रहण द्वारा जिस तरह तेजी से बहुत-से किसानों खासकर आदिवासियों की जमीन लेकर उन्हें भूमिहीन बनाया जा रहा है, उस पर रोक भी लगानी होगी। ऐसे महत्त्वपूर्ण सवालों के न्यायसंगत समाधान के लिए इस वर्ष के आरंभ से एक प्रयास...
More »भोजन बर्बाद करने की इज्जत- अरुण कुमार त्रिपाठी
जनसत्ता 2 जुलाई, 2012: भोजन की बरबादी को सामाजिक प्रतिष्ठा माना गया है। उत्तर भारत की एक कहानी इस पाखंड को बखूबी बयान करती है। पिता ने अपने पुत्र को समझाया कि जब भी किसी और के घर आयसु (न्योता) खाने जाओ तो थोड़ा-बहुत भोजन छोड़ दिया करो। बेटे ने पूछा, पिताजी ऐसा क्यों? पिता ने समझाया कि बेटा, वह इज्जत है। आयसु खाते समय बेटे को पिता की हिदायत भूल...
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